डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नया और महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है, जिसे “डेलीगेटेड पेमेंट्स” के नाम से जाना जा रहा है। इस बदलाव के तहत, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सुझाव दिया है, जिसके अनुसार आपके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अकाउंट से कोई और भी आपके लिए भुगतान कर सकेगा। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है जो परिवार के अन्य सदस्यों या करीबी दोस्तों के साथ वित्तीय जिम्मेदारियों को साझा करते हैं।
डेलीगेटेड पेमेंट्स क्या है?
डेलीगेटेड पेमेंट्स एक ऐसी सुविधा होगी, जहां UPI यूज़र्स अपने UPI अकाउंट का एक्सेस किसी और को देने में सक्षम होंगे, ताकि वह व्यक्ति उनके नाम से भुगतान कर सके। यह एक तरह की अनुमति होगी, जिसमें अकाउंट होल्डर किसी और व्यक्ति को अपने UPI अकाउंट से पेमेंट करने की अनुमति देगा। यह सुविधा विशेष रूप से परिवार के सदस्यों, दोस्तों, या बिजनेस पार्टनर्स के बीच उपयोगी हो सकती है।
इस फीचर के लाभ
परिवार के सदस्यों के लिए सहूलियत: यह फीचर उन परिवारों के लिए बेहद लाभदायक होगा, जहां घर का कोई एक सदस्य सभी बिलों का भुगतान करता है। अब वह अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य को भी यह जिम्मेदारी सौंप सकेगा।
व्यवसाय के लिए उपयोगी: छोटे और मध्यम व्यापारों में, जहां एक ही व्यक्ति को सभी वित्तीय जिम्मेदारियों का बोझ उठाना पड़ता है, वहां इस फीचर का उपयोग किया जा सकता है। व्यवसायी अपने कर्मचारियों या साझेदारों को भुगतान की अनुमति दे सकते हैं।
समय की बचत: डेलीगेटेड पेमेंट्स के माध्यम से समय की बचत होगी क्योंकि आप किसी और को भुगतान करने की अनुमति देकर अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं।
आपातकालीन स्थिति में सहूलियत: यदि कभी आप किसी आपातकालीन स्थिति में फंसे हों और भुगतान करने में असमर्थ हों, तो आप अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति को भुगतान की अनुमति देकर समस्या का समाधान कर सकते हैं।
डेलीगेटेड पेमेंट्स के संभावित खतरे
हालांकि यह सुविधा बहुत ही उपयोगी है, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित खतरे भी जुड़े हो सकते हैं:
सुरक्षा की चिंता: इस फीचर का सबसे बड़ा खतरा यह हो सकता है कि यदि आप गलत व्यक्ति को अपने UPI अकाउंट की अनुमति दे देते हैं, तो वह आपके अकाउंट से गलत तरीके से पैसे निकाल सकता है। इसीलिए, इस फीचर का उपयोग करते समय अत्यधिक सतर्क रहना होगा।
अकाउंट हैकिंग: किसी और को आपके अकाउंट की अनुमति देने से अकाउंट हैकिंग का खतरा भी बढ़ सकता है। हालांकि UPI एक बहुत सुरक्षित प्लेटफॉर्म है, फिर भी किसी और को एक्सेस देना एक सुरक्षा चिंता का विषय हो सकता है।
गोपनीयता की चिंता: आपके अकाउंट की गोपनीयता भी खतरे में पड़ सकती है क्योंकि दूसरे व्यक्ति को आपके लेनदेन की जानकारी मिल सकती है।
RBI के सुझाव और नियम
RBI ने इस फीचर को लेकर कुछ नियम और शर्तें भी सुझाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा:
अनुमति का स्तर: अकाउंट होल्डर को यह चुनने की सुविधा होगी कि वह कितनी राशि तक का भुगतान अनुमति देना चाहता है। इसके लिए UPI प्लेटफॉर्म पर एक सीमा निर्धारित की जा सकेगी।
सुरक्षा उपाय: इस फीचर को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि एक बार की पासवर्ड (OTP) या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन।
लेनदेन की मॉनिटरिंग: अकाउंट होल्डर को उसके अकाउंट से किए गए सभी लेनदेन की जानकारी मिलेगी, ताकि वह किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पहचान सके।
उपयोग की प्रक्रिया
डेलीगेटेड पेमेंट्स का उपयोग करने के लिए यूज़र्स को अपने UPI ऐप में इस फीचर को एक्टिवेट करना होगा। इसके बाद, वे उस व्यक्ति का चयन कर सकते हैं जिसे वे अपने अकाउंट से भुगतान करने की अनुमति देना चाहते हैं। यह अनुमति अस्थायी हो सकती है, और यूज़र इसे किसी भी समय रद्द कर सकता है।
यह फीचर कब तक उपलब्ध होगा?
हालांकि इस फीचर की घोषणा हो चुकी है, लेकिन यह अभी तक लागू नहीं हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि यह फीचर अगले कुछ महीनों में या 2024 के प्रारंभ में लागू हो सकता है। डेलीगेटेड पेमेंट्स एक ऐसा फीचर है जो UPI यूज़र्स के लिए नई संभावनाएं खोल सकता है। यह सुविधा न केवल पारिवारिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों को साझा करने में मदद करेगी, बल्कि यह समय की बचत और आपातकालीन स्थितियों में सहूलियत भी प्रदान करेगी। हालांकि, इसके साथ कुछ सुरक्षा संबंधित चिंताएं भी जुड़ी हो सकती हैं, इसलिए इस फीचर का उपयोग करते समय सतर्कता बरतना आवश्यक होगा।