नई दिल्ली चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एयर फोर्स कमांडरों की कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। 22 जुलाई से 24 जुलाई तक 3 दिनों तक चलने वाले इस कॉन्फ्रेंस में एलएसी पर चीन के साथ चल रहे तनाव, एयर फोर्स की तैयारियों और तैनातियों को लेकर चर्चा होगी। इसी महीने फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमान भी आ रहे हैं जो हथियारों से पूरी तरह लैस हैं, उनकी तैनाती को लेकर भी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में चर्चा की उम्मीद है।
एयर फोर्स के हेडक्वॉर्टर वायु भवन में हो रहे इस कमांडर्स कॉन्फ्रेंस की थीम ‘अगले दशक में भारतीय वायुसेना’ है। अगले दशक में इंडियन एयरफोर्स की आॅपरेशनल क्षमताओं में इजाफे की योजना को लेकर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर फोर्स के कमांडरों को संबोधित भी किया। रक्षा मंत्री ने एलएसी पर तनाव कम करने के लिए की जा रही कोशिशों की तरफ इशारा करते हुए एयर फोर्स से किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने को कहा।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर बताया, ‘आज एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इंडियन एयर फोर्स की भूमिका का पूरा देश सम्मान करता है। कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में उनका योगदान बहुत ही तारीफ के लायक है।’
इस महीने के आखिर तक भारत आ रहे राफेल लड़ाकू विमान
इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ मौजूदा तनाव के साथ-साथ सीमाई इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम पर चर्चा होगी। फ्रांस से आ रहे राफेल लड़ाकू विमानों को सीधे एलएसी पर तैनात किया जाएगा या कहीं और, इसे लेकर इस कॉन्फ्रेंस में फैसला किया जा सकता है। दरअसल 27 जुलाई को भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप मिल रही है। ये हथियारों से पूरी तरह लैस होंगे यानी उन्हें तुरंत आॅपरेशनल इलाकों में तैनात किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरूआत में उन्हें अंबाला में तैनात किया जा सकता है।
कॉन्फ्रेंस में एयरफोर्स के शीर्ष अधिकारी राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती और परिचालन पर भी चर्चा करेंगे। दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सबसे उन्नत जेट अपने प्रतिकूल परिस्थितियों में वायुसेना को बढ़त देने वाले हैं क्योंकि वे सबसे उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस हैं। इटर जेट्स में भारत स्पेसिफिक एनहांसमेंट के साथ-साथ लंबी दूरी के हथियार जैसे उल्का एयर टू एयर मिसाइल भारत को चीन और पाकिस्तान पर बढ़त देने वाले हैं।
जब से चीन के साथ तनाव की स्थिति पैदा हुई है तभी से वायुसेना अलर्ट मोड पर है। वायुसेना ने अपने आधुनिक बेड़े में मौजूद विमान जैसे मिराज 2000, सुखोई-30, और मिग-29 के सभी लड़ाकू विमानों को उन्नत और फॉरवर्ड बेस पर तैनात किया है, जहां से वे दिन और रात दोनों के आॅपरेशन कर रहे हैं। अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर को चीन की सीमा के साथ फॉरवर्ड बैस पर तैनात किया गया है और यह रात के समय भी पूर्वी लद्दाख क्षेत्र पर लगातार उड़ान भर रहा है।