
Aaj Samaj (आज समाज), Defence Minister Rajnath Singh, नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी की घटना के बाद भारत की जमीन पर पहली बार भारत व चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात हुई। भारत ने बैठक में चीन को दो टूक कहा कि अगर वह रिश्तों की बेहतरी चाहता है तो पहले सीमा से सैनिक मोर्चाबंदी और जमावड़ा खत्म करे। बैठक में भारत द्वारा चीन को यह कहने के बाद कि सीमा समझौते के उसके उल्लंघन ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आधार को खत्म कर दिया है, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों को सीमा मुद्दे को एक उचित स्थिति में रखना चाहिए।
- एससीओ की दिल्ली बैठक में रक्षा मंत्री का ड्रैगन पर निशाना
- गलवान घटना के बाद पहली बार भारतीय जमीं पर चली बैठक
चीनी रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए। चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू, जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने गुरुवार को अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ 45 मिनट की लंबी बैठक की, जिस दौरान दोनों मंत्रियों ने मई 2020 से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध पर चर्चा की।
राजनाथ ने बैठक में जनरल ली से कहा कि चीन द्वारा सीमा समझौतों का उल्लंघन करने से दोनों देशों के बीच संबंधों का पूरा आधार खत्म हो गया है और सीमा से जुड़े सभी मुद्दों को मौजूदा समझौतों के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। चीनी रक्षा मंत्रालय के एक बयान में आज कहा गया कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सेनाओं और द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जनरल ली ने बताया कि वर्तमान में, चीन-भारत सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है और दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है।
द्विपक्षीय संबंधों के विकास पर भी चर्चा
नई दिल्ली में भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू को बताया कि पूर्वी लद्दाख में शेष घर्षण बिंदुओं से पीछे हटने के बाद तनाव कम करने की दिशा में एक आंदोलन होना चाहिए और ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ की उम्मीद जताई। भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास के बारे में भी चर्चा की।
यह भी पढ़ें : Gurpatwant Singh Pannu का 29 अप्रैल को पंजाब में रेल यातायात रोकने का ऐलान, राज्य में अलर्ट
यह भी पढ़ें : Operation Kaveri Today Update: सूडान से 135 भारतीयों का 10वां जत्था सुरक्षित निकाला, 72 घंटे के लिए बढ़ा संघर्षविराम
यह भी पढ़ें : Manipur में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम स्थल फूंका, इलाके में तनाव, धारा 144 लागू, इंटरनेट भी बंद
Connect With Us: Twitter Facebook