Defence Minister Rajnath Singh: किसी भी जंग से मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर

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Defence Minister Rajnath Singh जंग से मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर
Defence Minister Rajnath Singh : जंग से मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर

Joint Theatre Command, (आज समाज), नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीनों अंगों-थलसेना, नौसेना और वायु सेना को भविष्य में होने वाली किसी जंग से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। सेना के तीनों अंगों के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने किसी जंग से तुरंत मिल-जुलकर मुकाबले के लिए ज्वाइंट थिएटर कमांड बनाने की जरूरत पर जोर दिया।

शांति बनाए रखने के वास्ते तैयार रहना जरूरी

राजनाथ ने कहा, भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यूक्रेन और गाजा में छिड़ी जंग के साथ-साथ बांग्लादेश के हालात पर भी बात की और कहा कि सेना को ऐसे किसी हालात से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री ने कहा, भारत का राजनीतिक नेतृत्व सशस्त्र बलों को ‘विकसित भारत’ के युग के लिए तैयार कर रहा है, जहां भारत के हित उसके क्षितिज और सीमाओं से परे होंगे। राजनाथ की इन बातों से संकेत मिलता है कि भारत भी अब अमेरिका, रूस व चीन की तरह दूसरे देशों में भारतीय हितों की रक्षा के लिए सैन्य बलों को हमेशा तैयार रखना चाहता है।

इन क्षेत्रों में क्षमता विकास की जरूरत

राजनाथ के संबोधन में एक और महत्वपूर्ण बात यह थी कि अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक वॉर के क्षेत्र में क्षमता विकास की जरूरत है, जिसमें डेटा और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये फैक्टर किसी भी संघर्ष या जंग में सीधे शामिल नहीं होते हैं, पर नकी अप्रत्यक्ष भागीदारी काफी हद तक युद्ध की दिशा तय कर रही है।

‘विकसित भारत’ का विजन

जिस तरह चीन ने अब वैश्विक घटनाओं को प्रभावित करने की शक्ति हासिल कर ली है, उसी तरह ‘विकसित भारत’ का विजन भी देश को वैश्विक मंच के लिए तैयार करना है। बता दें कि इस वर्ष भारतीय विदेश सेवा में 55 अधिकारियों की भर्ती की गई है, जिससे पता चलता है कि मोदी सरकार भविष्य में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक भूमिका के लिए तैयार कर रही है। थिएटर कमांड भी उसी योजना का अभिन्न अंग हैं, जिससे पड़ोस और उससे परे दूसरे देशों में होने वाले किसी भी संघर्ष से निपटने के लिए हमारी सेना भी तैयार रहे।

सेना के तीनों अंगों के लिए होगा एक कमांडर

सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमांड और कंट्रोल सिस्टम के साथ एक खाका तैयार किया है। इसे रक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों को दिखाया जा चुका है। अब सरकार को इस पर अंतिम फैसला लेना है। इस थिएटर कमांड के तहत किसी भी सीमा पर जमीन से लेकर आसमान तक सारे फैसले एक ही कमांडर लेंगे, यानी थल, वायु और नौसेना के लिए एक ही कमांडर होगा।

थियेटर कमांड से जुड़े सारे मसलों पर बनी सहमति

पता चला है कि सेना ने थियेटर कमांड से जुड़े सारे मसलों पर सहमति बना ली है और पहली इंटीग्रेटेड थियेटर कमांड की घोषणा जल्द हो जाएगी। यह कमांड एक सीमा-एक कमान के सिद्धांत पर काम करेंगी यानी हर कमांड के पास एक सीमा की पूरी जिम्मेदारी होगी।

बता दें कि रक्षा मंत्रालय जिस थिएटराइजेशन मॉडल पर अमल कर रहा है, उसमें लखनऊ में चीन-केंद्रित उत्तरी थिएटर कमांड, जयपुर में पाकिस्तान-केंद्रित पश्चिमी थिएटर कमांड और तिरुवनंतपुरम में समुद्री थिएटर कमांड का गठन शामिल है। सशस्त्र बलों के पास देशभर में फैली 17 सिंगल सर्विस कमांड हैं। इनमें से सेना और वायु सेना के पास सात-सात, जबकि नौसेना के पास तीन कमांड हैं। थिएटर बन पर इन सभी मौजूदा कमांड का उसमें विलय कर दिया जाएगा।