करनाल:
गांव सांभली स्थित जोहड़ खुदाई मामले में प्रशासन ने जांच में कई गंभीर खामियां नजर आने पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया, यही नहीं अगर ठेकेदार के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जबकि मामले में संलिप्त अधिकारी की भूमिका की जांच जारी हैं। पंचायती राज विभाग के एक्सईएन परविन्द्र सिंह ने कहा कि ठेकेदार पर जोहड़ की मिट्टी बेचने के आरोप है, आरोपों की पुष्टि होती है तो ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा। आरोपों को देखते हुए ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया है, मामले की जांच जारी है। बता दे कि डीसी अनीश यादव द्वारा गांव सांभली में जोहड़ खुदाई सहित निर्माण कार्यो में बरती जा रही अनिमितताओं की जांच के आदेश दिए जारी किए थे, एसडीएम द्वारा मामले की जांच अलग-अलग विभागों के अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करवाई थी। जांच में कई अनिमितताएं सामने आई। जिस पर एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट डीसी अनीश यादव को सौंप दी गई। मामले की शिकायत गांव सांभली निवासी विकास राणा द्वारा डीसी को की गई थी।
पंचायती राज विभाग द्वारा कंपनी को जोहड़ खुदाई सहित कई निर्माण कार्य का ठेका जारी कर दिया, कंपनी द्वारा काम किस तरीके से किया जा रहा है, निर्माण कार्य की क्या गुणवत्ता है? समय रहते शिकायतकर्ता ने मौखिक तौर पर ठेकेदार द्वारा नियमों के खिलाफ जाकर काम करने के बारे में अवगत कराया गया तो क्यों नहीं जांच की गई? ऐसा करने के पीछे सम्बधित अधिकारी की क्या भूमिका रही थी? ग्रामीणों ने ठेकेदार के खिलाफ शपथ पत्र दिए, डीसी को शिकायत दी, तब जाकर विभाग के अधिकारी जागे? जांच में प्रथम दृष्टया ठेकेदार के खिलाफ आरोप सही प्रतीत हो रहे है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया, तो सम्बधित विभाग के अधिकारियों पर क्या कार्रवाई अमल में लाई गई? अगर नहीं तो क्यों नहीं? सरकार जहां जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है, ऐसे में निर्माण कार्यों में अनिमितताएं पैदा करने वाले अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ क्यों नहीं सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाती? विभाग के एक्सईएन ने कहा कि अभी जहां ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया है, जेई के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है। मामले की जांच चल रही हैं।
शिकायतकर्ता विकास राणा ने लगाए थे आरोप
गांव सांभली निवासी विकास राणा ने बताया कि गांव में ठेकेदार द्वारा जोहड़ खुदाई सहित लाखों रुपए के निर्माण कार्य किए जा रहे है। उन्होंने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि उसने जोहड़ की नियमों के खिलाफ ’यादा गहराई तक खुदाई की है ओर मिट्टी को कई ग्रामीणों को बेचा है। ऐसे आरोप लगाकर डीसी को शिकायत दी गई। कई ग्रामीणों ने शपथ पत्र देकर ठेकेदार द्वारा मिट्टी डालने के बदले पैसे लेने के आरोप लगाएं। शिकायतकर्ता ने कहा कि जब सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ ग्रामीणों को शहरों जैसी बेहतर सुविधाएं देने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। अधिकारी क्यों नहीं अपना कार्य सही प्रकार से करते, ठेकेदार मनमानी करता रहा, लेकिन अधिकारी क्यों मौन बने रहे। उन्होंने सवाल पूछा कि अगर शिकायत नहीं होती तो क्या ऐसे ही मनमानी हो जाती?
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