प्रदेश सरकार ने बढ़ाई वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की डेट
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में डिफाल्टर बिल्डरों को राहत देते हुए सरकार ने लंबित बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी है। अब डिफाल्टर बिल्डर 30 सितंबर तक ईडीसी की राशि जमा कर सकेंगे। यह विस्तार समाधान से विकास योजना के अंतर्गत दिया गया है, जिसके तहत डिफॉल्टर बिल्डरों को उनके लंबे समय से लंबित ईडीसी बकाया का भुगतान करने के लिए चार महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है।
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने एक सरकारी आदेश में कहा, लाइसेंस मामलों और भूमि उपयोग परिवर्तन मामलों के संबंध में लंबे समय से लंबित ईडीसी बकाया की वसूली के लिए सरकार ने यह फैसला किया है।
क्या होता है बाह्य विकास शुल्क
बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) एक स्थानीय सरकार या विकास प्राधिकरण द्वारा रियल एस्टेट डेवलपर पर उनकी परियोजना के आसपास बाहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगाए जाने वाला शुल्क होता है। यह शुल्क उन बुनियादी ढांचे की लागत को कवर करता है, जो परियोजना को व्यापक शहरी सेवाओं से जोड़ता है, जैसे सड़कें, जल आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, और बिजली हैं।
डिफाल्टर बिल्डरों को सरकार ने यह दिए विकल्प
- पहला योजना की संशोधित शर्तों के तहत, बिल्डर अब दो निपटान विकल्पों में से चुन सकते हैं। पहले विकल्प के तहत, वे 100% मूल राशि के साथ 56% बकाया ब्याज और 15 मार्च 2025 तक की गणना के अनुसार दंडात्मक ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। 15 अप्रैल के बाद किए गए भुगतान पर यह ब्याज हर महीने 1% बढ़ेगा, जिससे यह 57% हो जाएगा और उसके बाद मासिक आधार पर बढ़ता रहेगा।
- दूसरे विकल्प के तहत, वे 15 मार्च 2025 तक मूल राशि का 50%, 81% बकाया ब्याज और दंडात्मक ब्याज का भुगतान कर सकते हैं। यहां, 15 अप्रैल के बाद ब्याज हर महीने 1% बढ़ता है, जिससे यह 82% हो जाता है और उसके बाद मासिक रूप से बढ़ता रहता है।
यह भी पढ़ें : हरियाणा में 42 आईपीएस और 13 एचपीएस अधिकारियों को बदला
यह भी पढ़ें : फैक्ट फाइंडिंग कमेटी करेंगी हरियाणा श्रम विभाग में घोटाले की जांच