संजीव कौशिक, रोहतक:
Deependra Hooda gave Congratulations To Farmers : सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को आंदोलन की ऐतिहासिक सफलता के लिये बधाई दी। खरहर के एक कार्यक्रम में जाते हुए आज सांपला-रोहद टोल, खड़ावड़, टीकरी बॉर्डर, किसान चौक समेत जगह-जगह किसानों ने उनको रोका और उनका स्वागत करते हुए संसद में किसानों की मांगों को पूरा करने की आवाज बुलंद करने पर मान-सम्मान का प्रतीक पगड़ी पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया। किसानों ने उनसे अपने साथ लंगर ग्रहण करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
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जिन मांगों पर समझौता हुआ, के लिये आवाज उठाते रहेंगे Deependra Hooda gave Congratulations To Farmers
किसानों ने कहा कि वो हरियाणा से राज्य सभा और लोकसभा के 15 सांसदों में अकेले सांसद थे जिन्होंने किसानों की आवाज उठाई। इस पर दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी वो किसानों और सरकार के बीच जिन मांगों पर समझौता हुआ है, उनको जल्द से जल्द पूरा कराने के लिये आवाज उठाते रहेंगे और सरकार पर दबाव बनायेंगे।
शांति, अनुशासन और संगठन की जीत Deependra Hooda gave Congratulations To Farmers
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 1 साल से भी ज्यादा समय तक चली यह लड़ाई शांति अनुशासन और संगठन रूपी तीन हथियारों से लड़़ी गयी। यद्यपि सरकार ने किसानों पर देशद्रोही, आतंकवादी जैसे आरोप लगाये, लेकिन किसानों ने अपना संयम नहीं खोया। किसान को सबसे बड़ी ठेस तब लगती है जब कोई उसकी देशभक्ति पर शक करे।
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जो किसान धरती का सीना चीरकर, अपना खून-पसीना एक करके 135 करोड़ देशवासियों का पेट भरता है, जिस किसान का बेटा 20 हजार फीट उंची बफीर्ली चोटियों पर रातभर जागकर देश की रक्षा करता है और अपने प्राण न्यौछावर करने से भी पीछे नहीं हटता, वो अन्नदाता भला देशद्रोही कैसे हो सकता है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ एक साल तक जो अपमानजनक व्यवहार किया वो फिर कभी नहीं होना चाहिए।
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भाजपा के व्यवहार की आलोचना भी की Deependra Hooda gave Congratulations To Farmers
मुख्यमंत्री ने किसानों के विरुद्ध लाठियां उठाने की बात करके, बीजेपी के एक सांसद ने हाथ काटने और आंख निकालने जैसी भाषा का इस्तेमाल करके, एसडीएम के पद पर कार्यरत एक आईएएस अधिकारी ने लट्ठ मारकर किसानों के सिर फोड़ने की बात कहकर किसानों को हिंसा के लिये उकसाने की पूरी कोशिश की।
सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने किसानों को प्रताड़ित और अपमानित कर शांति के रास्ते से भटकाने और आंदोलन तोड़ने का भी प्रयास किया। लेकिन किसान समझदार हैं। वो जानते थे कि अगर आंदोलन ने हिंसक मोड़ ले लिया तो पूरा आंदोलन फेल हो जायेगा। शांति, अनुशासन और संगठन ही इस आंदोलन के सबसे बड़े हथियार हैं। इस दौरान प्रमुख रूप से विधायक डॉ. रघुबीर कादयान मौजूद रहे।