संजीव कुमार, रोहतक :
बीजेपी-जेजेपी सरकार से संरक्षण प्राप्त कर जो अधिकारी कह रहे हैं कि किसानों को खींच कर लट्ठ मारो, उनका सिर फोड़ दो, लिखित में देता हूं। उन अधिकारियों को मैं भी लिखकर दे रहा हूं कि आने वाली सरकार किसान हितैषी होगी और जब ऐसा होगा तब लोकतंत्र को लाठीतंत्र समझ बैठे अधिकारियों को अपने एक्शन का हिसाब देना होगा। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। करनाल में किसानों पर हुई बर्बरता की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने बीजेपी-जेजेपी सरकार और किसानों पर बल प्रयोग करने वाले अधिकारियों को नसीहत दी। सांसद ने कहा कि सत्ता आनी-जानी चीज है, इसलिए कोई अधिकारी सत्ता संरक्षण के अहंकार में लोकतांत्रिक मयार्दाओं को लांघने की गलती ना करे।
सांसद दीपेंद्र आज रोहतक खडवाली और लाढौत गांव समेत कई कार्यक्रमों शिरकत करने पहुंचे थे। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ चुकी है। किसानों का लहू बहाना उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। सरकार का संरक्षण प्राप्त अधिकारी खुलेआम किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का दंभ भर रहे हैं। ऐसे अधिकारी पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। इतना ही नहीं बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को भी किसानों पर हुई बर्बरता की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए सत्ता से त्यागपत्र दे देना चाहिए। यह गठबंधन सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुका है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे ऊपर होती है। तंत्र का कार्य जनता की सेवा और उसके अधिकारों की रक्षा करना होता है। लेकिन आज सत्ता में बैठे लोग खुद को जनता से ऊपर समझ रहे हैं। सत्ताधारी खुद को इतना ऊंचा मान बैठे कि उन्हें किसान की पगड़ी भी दिखाई नहीं दे रही। प्रदेश की जनता यह सब देख और झेल रही है। वक्त आने पर वह लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब देगी।
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