पिछले कुछ महीने देश में मंदी की चर्चा को लेकर रहे हैं। घटती नौकरियां हों या अंतर्राष्ट्रीय चर्चाएं भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी सबकी चिंता का विषय रही है। भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने जब अर्थशास्त्र का नोबेल जीता, तो उनसे हुए सवालों में भारतीय अर्थव्यवस्था की मंदी सबसे ऊपर ही रही। इन सभी चर्चाओं, चिंताओं के बीच हाल ही में एक और खतरे की घंटी बजी है। दरअसल देश का औद्योगिक उत्पादन पिछले डेढ़ दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इससे न सिर्फ चिंताएं बढ़ी हैं, बल्कि भविष्य में भी अर्थव्यवस्था के सुधार व औद्योगिक उन्नयन पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
हाल ही में देश के उद्योग मंत्रालय ने देश के आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के उत्पादन की स्थितियों का ब्यौरा जारी किया है। इसमें फर्टिलाइजर को छोड़कर शेष सात क्षेत्रों, कोयला, क्रूड आयल, रिफाइनरी, स्टील, सीमेंट, बिजली और प्राकृतिक ऊर्जा क्षेत्रों में उत्पादन घटा है। उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ सितंबर माह में देश के औद्योगिक उत्पादन में 5.2 प्रतिशत गिरावट रिकॉर्ड की गयी है, जो पिछले चौदह वर्षों में सर्वाधिक है। इस पूरी गिरावट को अलग-अलग समझें तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं। कोयला उत्पाद देश के विकास की दिशा तय करता है और इस दौरान कोयले का उत्पादन 20.5 प्रतिशत गिरा है। क्रूड आयल के उत्पादन में 5.4 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 4.9 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी है। देखा जाए तो समग्र ऊर्जा क्षेत्र गिरावट की चपेट में है। रिफाइनरी उत्पादों में 6.7 प्रतिशत व बिजली उत्पादन में 3.7 प्रतिशत कमी हुई है। यही नहीं, निर्माण क्षेत्र भी औद्योगिक गिरावट का शिकार हुआ है। इसी का परिणाम है कि सीमेंट के उत्पादन में 2.1 प्रतिशत की कमी आई, वहीं स्टील का उत्पादन भी 0.3 प्रतिशत कम हुआ है। इस दौरान केवल फर्टिलाइजर का उत्पादन ही 5.4 प्रतिशत बढ़ा है। जिन आठ क्षेत्रों का विश्लेषण किया गया है, वे देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के औसतन 40 प्रतिशत का आधार बनते हैं। ऐसे में औद्योगिक उत्पादन में यह कमी देश की समग्र अर्थव्यवस्था के सामने छाए संकट को भी चरितार्थ करती है। हालत ये हो गए हैं कि वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन के लाभ में 83 प्रतिशत की कमी सामने आई है। इसी तरह उत्पादन घटने से बिजली की मांग कम हुई और इसका असर सकल विद्युत उत्पादन पर भी पड़ा है।
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट सरकार के लिए भी चुनौती देने वाली है। यह वह समय है, जब हमें नीतिगत रूप से पूरे तंत्र का आंकलन करना होगा। भारतीय अर्थशास्त्री पूरी दुनिया को दिशा देते रहे हैं। कौटिल्य से लेकर हाल ही में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाए अभिजीत बनर्जी तक की अर्थशास्त्रिक यात्रा हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। इन सबसे सकारात्मक सूत्र वाक्य लेकर हमें आर्थिक नीतियों का नियोजन कुछ इस तरह करना होगा, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। रोजगार के अवसर सृजित हो सकें और अमीरी-गरीबी के बीच गहराती खाई पाटी जा सके। नोबेल पुरस्कार का एलान होने के बाद जिस तरह अभिजीत बनर्जी को लेकर देश के भीतर बयानबाजी हुई, वह भी दुर्भाग्यपूर्ण है। वह बयानबाजी कई दफा हमारे नेतृत्व के एक हिस्से की अपरिपक्वता भी दिखाती है। अभिजीत बनर्जी को उनकी जिन उपलब्धियों के लिए नोबेल मिला है, देश के आम आदमी, किसान व गरीब के भले के लिए उनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। नोबेल जीतने के बाद अभिजीत ने स्वयं भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर न सिर्फ चिंता जताई है, बल्कि समाधान के रास्ते भी सुझाए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि इस समय ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधारने पर भी फोकस होना चाहिए। शहरी अर्थव्यवस्था में सुधार के नाम पर किसानों व ग्रामीणों के साथ आर्थिक खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य कम होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक संकट बढ़ाए जिससे मांग घटी और उसका असर समग्र अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। हमें इसे सुधारना होगा। जिस तरह सकल घरेलू उत्पाद के मामले में दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में भारत पांचवें से सातवें स्थान पर आ ही चुका था, हाल ही में विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है। पहले इस वित्तीय वर्ष में 7.5 प्रतिशत विकास दर का अनुमान विश्वबैंक द्वारा घोषित किया गया था, अब इसे घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार के माध्यम से ही इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। इसके लिए समग्र पहल करनी होगी और सरकारों को कई मोर्चों पर जिद छोड़नी होगी। ऐसा हुआ तो अर्थव्यवस्था सुधरेगी और देश भी समृद्धि के नए शिखर छूने के लिए आगे बढ़ेगा।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.