Decision to end the increase in willing employees’ service: कर्मचारियों के सेवाकाल में इच्छुक वृद्धि को खत्म करने का फैसला

0
238

चंडीगढ़। बजट पेश करने के मौके पर कर्मचारियों के लिए पहले वाली सेवामुक्ति उम्र लागू करने के एलान के बाद पंजाब सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मौके पैदा करने के लिए सेवामुक्ति के बाद कर्मचारियों को दिए जाने वाले इच्छुक (आॅपशनल) वृद्धि की नीति को खत्म करने का फैसला किया है। सीएम के नेतृत्व अधीन पंजाब मंत्रीमंडल ने सोमवार को अपेक्षित नीति बदलने के लिए पंजाब सिविल सर्विस रूल्ज में संशोधन को मंजूरी दे दी जैसे कि वित्त मंत्री ने 28 फरवरी, 2020 को बजट भाषण के दौरान एलान किया था। कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में भ्रष्ट और निकम्मे मुलाजिमों की पहचान करके उनकी छंटनी करने के लिए कहा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सेवामुक्ति की उम्र घटाने के फैसले को लागू करने के लिए पंजाब सिविल सर्विस रूल्ज खंड 1 भाग 1 के संबंधित नियम 3.26 (ए) में संशोधन करने की जरूरत है। इस फैसले से जो मुलाजिम मौजूदा समय में इच्छुक वृद्धि के दूसरे साल में हैं या फिर उनकी उम्र 59 या 61 साल है। इसके अलावा जिन मुलाजिमों का दूसरा इच्छुक वृद्धि पहली अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली थी, वह सभी 31 मार्च 2020 को सेवामुक्त होंगे।
इसी तरह जिन मुलाजिमों का पहले साल की इछुक्क वृद्धि चल रही है या फिर उनकी उम्र 58 या 60 साल की है। इसके अलावा जिन मुलाजिमों की पहली इछुक्क वृद्धि अंतराल के समय में शुरू होना था, वह सभी 30 सितंबर, 2020 को सेवामुक्त होंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा संशोधित हुए 3.26 नियम से सभी वर्गों के मुलाजिमों को 60 या 62 साल तक सेवाकाल में वृद्धि की आज्ञा दी थी। इससे सरकार को भर्ती करने में आसानी हुई थी जिससे विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके। अब क्योंकि स्टाफ की कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है, इसलिए सेवाकाल में इच्छुक वृद्धि को जारी रखना तर्कसंगत नहीं।

बजट प्रबंधन एक्ट में संशोधन करने का फैसला
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल द्वारा पंजाब वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन एक्ट-2003 में संशोधन करने का फैसला किया है जिससे कुल राज्य घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) की तीन प्रतिशत की उधार सीमा के अलावा वर्ष 2019-20 के लिए 928 करोड़ रुपए का अतिरिक्त उधार लेने के लिए राज्य को इजाजत मिल सकेगी। मंत्रीमंडल ने पंजाब वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन एक्ट-2003 की धारा-4 की उप धारा 2 के क्लॉज-ए में जरूरी संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को वित्तीय प्रबंधन में पेश आ रही मुश्किलों और वर्ष 2019-20 के दौरान केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी राशि की तबदीली में हुई कमी को ध्यान में रखते हुए राज्यों को राहत देने के लिए केवल एकमुश्त विशेष वितरण के तौर पर 29 राज्यों को वर्ष 2019-20 के दौरान उनकी प्रात्रता से परे 58,843 करोड़ का अतिरिक्त उधार लेने की मंजूरी दी गई है।
अनाज खरीद में वित्तीय अंतर समाप्त करने के लिए सब-कमेटी का गठन
सीएम ने अनाज की खरीद प्रक्रिया में प्रणालीगत मुद्दों से उत्पन्न वित्तीय अंतर को सुलझाने के लिए कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया है। तीन-सदस्यों वाली सब-कमेटी वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और खाद्य और सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु पर आधारित है।
इस कमेटी को वित्तीय अंतर को खत्म करने के लिए रूप-रेखा बनाने पर काम करने के लिए कहा गया है जिसको बजट प्रावधान के द्वारा निपटाया जाएगा।

स्व-सहायता सहकारी सभाएं नियम-2019 को मंजूरी
मंत्रीमंडल ने स्व-सहायता प्राप्त सहकारी सभाएं को स्व-इच्छुक गठन करके स्वतंत्र, स्व-निर्भर और लोकतांत्रिक व्यापारिक संस्थाएं बनाने के लिए पंजाब स्व-सहायता सहकारी संभाएं नियम-2019 को मंजूरी दे दी है। इससे यह संस्थाएं बाहरी दखलअंदाजी से मुक्त होंगी।

कोरोनावायरस के खतरे से निपटने के लिए आपातकालीन उपायों का एलान
जानलेवा साबित हो चुके कोरोनावायरस के बढ़ रहे प्रकोप और खौफ के मद्देनजर इस घातक रोग के साथ पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों के तौर पर पंजाब सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर स्थापित करने समेत आपातकालीन कदम उठाने का एलान किया है। यह फ्लू कॉर्नर सांस से संबंधित इन्फेक्शन के सभी संदिग्ध मामलों की जल्द से जल्द जांच करेंगे और ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों के घूमने-फिरने को सीमित करने को यकीनी बनाएंगे जिससे इस रोग के फैलाव को रोका जा सके।