कोटा। राजस्थान के कोटा में जेके लोन सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही है। आंकड़ों में रोज वृद्धि हो रही है। यह नंबर अब 107 तक पहुंच गया है जो हिला देने वाला है। हालांकि शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ने अपने संसदीय क्षेत्र कोटा का दौरा किया और मरने वाले नवजात बच्चों के माता-पिता से मुलाकात भी की। केन्द्र सरकार की टीम भी कोटा के अस्पताल में दौरा करने पहुंची। आपको बता दें कि शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा व परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास भी अस्पताल पहुंच थे। हालांकि मंत्रियों के स्वागत के लिए यहां ग्रीन कारपेट बिछाया गया जिसे मीडिया की उपस्थिति होने और इस पर आपत्ति उठाए जाने के बाद उठा लिया गया था। हालांकि, इस मुद्दे की चर्चा होने पर अधिकारियों ने बाद में कालीन को हटवा दिया। इस बारे में पूछे जाने पर जेके लोन अस्पताल के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने कहा कि कालीन को सूखने के लिए बिछाया गया था, मंत्रियों के स्वागत के लिए नहीं। आश्चर्य कि बात यह रही कि एक महीने के अंदर लगातार बच्चों की मौत अस्पताल में होती रही लेकिन किसी मंत्री को इसकी सुध नहीं रही। एक महीने के बाद जब बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ से पार हो गया तब जाकर अस्पताल में किसी मंत्री का दौरा हुआ। इस दौरे के समय भी अस्पताल अधिकारी मंत्रियों के स्वागत में लगे रहे। अस्पताल कर्मचारियों ने उन्हें स्टाफ की कमी और अस्पताल के उपकरणों की कमी की जानकारी देने के बजाय उनका स्वागत करना ज्यादा जरूरी समझज्ञ। वहीं महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता ममता शर्मा को शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं ने अस्पताल का दौरा करने से रोक दिया और उन्हें अस्पताल में प्रवेश किए बगैर लौटना पड़ा। ममता शर्मा वापस जाओ, वापस जाओ के नारे लगाए गए। मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा, ह्लकांग्रेस नेताओं को शर्म आ रही है कि इतने सारे बच्चों की उनके कार्यकाल में मौत हो गई और वे सोच रहे हैं कि कैसे मामले को नियंत्रित किया जाए। मंत्रियों के लिए अस्पताल में कालीन बिछवाना शर्मनाक है।