आज समाज डिजिटल, Santokh Singh Death in Bharat Jodo Yatra : पंजाब के जालंधर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा में आज सुबह कांग्रेस सांसद चौधरी संतोख सिंह का निधन हो गया। चौधरी संतोख सिंह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे, जहां उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जानकारी के मुताबिक घटना सुबह साढ़े 8 की है। जालंधर से सांसद संतोख सिंह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे थे।
लेकिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे नीचे गिर गए। इसके बाद वे बेहोश होने लगे। तभी वहां मौजूद लोगों ने तुरंत उनको उठाया और साथ की साथ एंबुलेंस में डालकर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अस्पताल में डाक्टरों ने संतोख सिंह को मृत घोषित कर दिया।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि संतोख सिंह की मौत एंबुलेंस में ही हो गई था। इस घटना के बाद राहुल गांधी भी तुरंत प्रभाव से फगवाड़ा अस्पताल पहुंचे। अभी अस्पताल के बाहर कांग्रेसियों की भीड़ लगी हुई है। इस कारण आज भारत जोड़ो यात्रा को पंजाब में स्थगित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब में Rahul Gandhi की भारत जोड़ो यात्रा तीसरे दिन लुधियाना से फगवाड़ा की तरफ चल रही है। राहुल गांधी द्वारा सुबह 7 बजे इस यात्रा की शुरुआत लाडोवाल टोल प्लाजा से की गई। इस यात्रा की दोपहर को फिल्लौर-गिरोया में ब्रेक होगी। दोपहर के बाद यह यात्रा गोराया से फगवाड़ा जाएगी, जहां रात्रि वहां विश्राम होगा और अगले दिन यात्रा जिला जालंधर में रहेगी।
लुधियाना से फगवाड़ा जा रही थी यात्रा
विस्तृत जानकारी के मुताबिक आज शनिवार सुबह भारत जोड़ो यात्रा लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा से फगवाड़ा की तरफ जा रही थी। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि 76 साल के संतोख राहुल से कुछ दूरी पर चल रहे थे। सुबह 8.35 के आसपास संतोख संह को बैचेनी हुई।
वे रुक गए और वहीं बैठ गए। लोगों ने उन्हें उठाया और एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। इतने में ही राहुल गांधी ने फिल्लौर के भटि्टयां तक यात्रा को ले गए। इसके बाद जैसे ही खबर मिली यात्रा को रोक दिया गया। राहुल गांधी कुछ देर बाद कार में कुछ कांग्रेसी नेताओं के साथ रवाना हो गए हैं।
संतोख सिंह का राजनीतिक करियर
संतोख सिंह ने 1978 में अपना राजनीतिक सफर पंजाब युवा कांग्रेस नेता के तौर पर शुरू किया। वे 1978 से 1982 तक वह पंजाब युवा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। इसके बाद 1987 से 2995 तक जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष बने। 1992 में पहली जीत दर्ज करने के बाद पंजाब कांग्रेस विधायक दल के महासचिव के रूप में चुने गए।
1992 से 1995 तक ग्रामीण विकास और पंचायतों के प्रभारी, संसदीय कार्य और विद्युत विभाग के मुख्य संसदीय सचिव बने। और फिर उन्हें पंजाब सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री, कैबिनेट मंत्री रहे।
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