Aaj Samaj (आज समाज), Deaf And Dumb Lawyer, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत में पहली बार मूक-बधिर वकील अदालत में पेश हुईं और सांकेतिक दुभाषिये की मदद से केस में बहस की। सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अनुमति के बाद महिला मूक बघिर वकील सारा सनी की पेशी का इंतजाम एडवोकेट आॅन रिकॉर्ड संचिता ऐन ने करवाया।

सारा-सौरव के लिए आनलाइन सुनवाई विंडो खोली

संचिता ऐन ने सीजेआई की अगुआई वाली पीठ से एक असामान्य अनुरोध कर कहा था कि सारा सनी को सांकेतिक भाषा दुभाषिया सौरव रॉय चौधरी की मदद से दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारों से संबंधित एक मामले पर वस्तुत: बहस करने की अनुमति दी जाए। इसके बाद सीजेआई की सहमति से सारा व सौरव के लिए आनलाइन सुनवाई विंडो खोली गई। केस क्रम संख्या 37 पर सूचीबद्ध था।

दुभाषिये का तेज गति से बताना आश्चर्यजनक : एसजी

सारा-सौरव ने जब आपस में विचार विमर्श शुरू किया तो जिन्होंने भी देखा, उनके लिए यह आंखें खोलने और हैरान कर देने वाला अनुभव था। दुभाषिये सौरव ने तेजी के साथ हाथ और उंगलियों के जरिये सारा को अदालत के समक्ष कार्यवाही के बारे में बताया कि किसने क्या कहा। मामले में सीजेआई की अगुआई वाली पीठ ने जैसे ही कार्यवाही शुरू की, सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि जिस गति से दुभाषिये ने वकील को अदालती कार्यवाही के बारे में बताया वह आश्चर्यजनक है।

मूक सांकेतिक भाषा-रूपांतरित-तर्कों का तेजी से टैंगो किया

दरअसल मामला, जावेद आबिदी फाउंडेशन की ओर से दायर याचिका को लेकर था। इस मामले में सारा-सौरव की जोड़ी ने मूक सांकेतिक भाषा-रूपांतरित-तर्कों का तेजी से टैंगो किया। जब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने जवाब के लिए केंद्र की ओर रुख किया, तो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से अपडेडेट स्टेट्स रिपोर्टर् दायर की जाएगी ताकि अगली सुनवाई पर याचिका का अंतिम रूप से निपटारा किया जा सके।

सोमवार को भूमिका ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष जयंत सिंह राघव, जो नेत्रहीन हैं, ने पीडब्ल्यूडी अधिकार अधिनियम की धारा 24 के प्रावधानों को लागू करने के लिए तर्क दिया था जिसमें कहा गया था कि ऐसी (कल्याणकारी) योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जाएगी। यह अन्य पर लागू समान योजनाओं की तुलना में 25% अधिक हो। एससी ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

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