- राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम-
- निक्षय मित्र बनकर की जा सकती है टीबी मरीजों की सहायता
- मिशन महेंद्रगढ़-अपना जल अभियान की ओर से उपायुक्त ने 50 मरीजों को गोद लेने की घोषणा की
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम में निक्षय योजना के तहत कोई भी नागरिक टीबी मरीज को गोद ले सकता है ताकि उसे प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री दी जा सके। इसी कड़ी में आज आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर के पुत्र जयंत आर्य ने 25 मरीजों को गोद लिया। वहीं मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल अभियान की ओर से उपायुक्त ने 50 मरीजों को गोद लेने की घोषणा की।
लघु सचिवालय के मीटिंग हॉल में आयोजित टीबी फोरम की बैठक में डीसी ने मरीजों को किट भी वितरित किए। इस दौरान टीबी चैंपियन को भी बुलाया गया था। ये वे मरीज हैं जिन्होंने सरकार की सहायता से सही तरीके से इलाज करवा कर टीबी को हराया है। इन नागरिकों ने अपनी सफलता की कहानी तथा अनुभव साझा किए।
टीबी चैंपियन ने सांझा किए अनुभव
उपायुक्त ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में फिलहाल टीबी के लगभग एक हजार मरीज हैं। अभी तक निक्षय योजना के तहत 125 नागरिकों ने टीबी मरीजों को गोद लिया हुआ है। आज 75 और नागरिकों को गोद लिया गया है। इस योजना के तहत मरीज को 6 महीने तक प्रतिमाह 500 रुपए की कीमत की खाद्य सामग्री की किट दी जाती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि वे अपनी क्षमता के अनुसार ऐसे मरीजों को अपनाएं तथा उन्हें इस बीमारी से बाहर निकलने में मदद करें। उन्होंने कहा कि दान व कर्म करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। ऐसे में स्वस्थ समाज के निर्माण में हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए। गोद लेने के लिए नागरिक निक्षय पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण करवाएं।
इस दौरान डिप्टी सीएमओ डॉ. हर्ष चौहान ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बीमारी के लक्षण, जांच तथा निदान के बारे में जानकारी दी। वहीं उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, जनसंपर्क का भाषा विभाग के साथ मिलकर लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार की आत्मा स्कीम के तहत जिला में चल रहे रेडियो अरावली के माध्यम से भी जानकारी दी जाती है।
कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. धर्मेश सैनी, स्टेट केमिस्ट एसोसिएशन के चेयरमैन मनीष मित्तल, जिला रेडक्रॉस समिति के सचिव श्याम सुंदर शर्मा के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह दिए जा रहे 500 रुपए
सीएमओ डॉ. धर्मेश सैनी ने बताया कि टीबी के मरीज को सरकार की निक्षय पोषण योजना के द्वारा हर माह 500 रुपए पोषाहार के लिए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा बिगड़ी हुई टीबी के मरीजों का इलाज व उपचार के दौरान फोलोअप के लिए आने पर किराया भी दिया जाता। बिगड़ी हुई टीबी के ईलाज के लिए एक मरीज का डेढ़ से दो लाख का खर्चा होता है, जो मुफ्त किया जाता है। टीबी मरीज के इलाज देने के लिए आशा वर्कर या वालिंटियर डॉट्स प्रोवाईडर को भी 1000 से 5000 तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। टीबी मरीज की सूचना देने वाले को 500 रुपए देने का प्रावधान है तथा इसके अलावा सफलतापूर्वक इलाज होने पर भी 500 रुपए दिए जाते हैं।
ये लक्षण हैं तो तुरंत कराएं जांच
किसी भी नागरिकों को अगर टीबी के लक्षण हो तो तुरंत जांच करवानी चाहिए। अगर 2 सप्ताह से अधिक खांसी आ रही है या लगातार 2 सप्ताह तक बुखार है तो यह टीबी के लक्षण हैं। वही अप्रत्याशित ढंग से वजन कम होना और छाती में किसी प्रकार का दर्द रहना भी टीबी के लक्षण हैं।
अगर किसी नागरिक को इस तरह के लक्षण है तो वह अपने बलगम की जांच कराएं यह जांच पूरी तरह से मुक्त की जाती है। जिला महेंद्रगढ़ में 11 केंद्रों पर बलगम की जांच की जाती है।
ऐसे बन सकते हैं निक्षय मित्र
डिप्टी सीएमओ डॉ. हर्ष चौहान ने बताया कि टीबी मरीजों की सहायता करने के लिए कोई भी नागरिक निक्षय मित्र बन सकता है। इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है जिस पर वह किसी भी प्रकार की सहायता के लिए अपने आप को पंजीकृत करवा सकता है।
इस कार्य के लिए सबसे पहले उसे कम्युनिटीसपोर्ट डॉट निक्षय डॉट इन पर जाना होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक करना है। फिर निक्षय मित्र पंजीकरण फार्म भरने के बाद जिस मरीज की आप सहायता करना चाहते हैं उसका चयन करें। अंत में किस प्रकार की सहायता करना चाहते हैं उसका भी चयन करें।
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