नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
- ग्राम व वार्ड मिशन दल नशे पर निर्भर लोगों की पहचान करें : उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर
- हॉक सॉफ्टवेयर पर टीमों के निर्माण और मास्टर डेटा की मैपिंग होगी
- नशाखोरी के खिलाफ सघन जागरूकता अभियान के लिए शिक्षण संस्थानों में धाकड़ कार्यक्रम जारी रखें
जिला महेंद्रगढ़ को पूरी तरह से नशा मुक्त करने के लिए बनी टीमें कार्य योजना के अनुसार कार्य करें। सरकार के निर्देश अनुसार ग्राम मिशन दल और वार्ड मिशन दल प्रयास अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में नशा पर निर्भर लोगों की पहचान कर प्रयास ऐप पर डालें। इस संबंध में कार्य जमीनी स्तर पर शुरू किया जाए। ये निर्देश उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने आज आज मादक पदार्थ रोकथाम को लेकर बुलाई अधिकारियों की बैठक में दिए।
डीसी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तीसरी राज्य स्तरीय समिति की बैठक में दिए गए निर्देशानुसार आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए योजनाबद्ध तरीके से नशा मुक्ति अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि हॉक HAWAK सॉफ्टवेयर पर विभिन्न स्तर की टीमों के निर्माण और प्राथमिक मास्टर डेटा की मैपिंग की जाए। ग्राम मिशन दल और वार्ड मिशन दल प्रयास ऐप के माध्यम से अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में नशा पर निर्भर रोगियों/नशे की लत की पहचान के लिए अपना फील्ड कार्य करें।
उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के वीएमआई व डब्ल्यूएमटी टीम के सदस्य अर्थात एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू व आशा कार्यकर्ता आदि द्वारा अपने-अपने क्षेत्राधिकार में नशा करने वाले रोगियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण करें। इसी तरह, नशा करने वाले रोगियों की पहचान के बाद डोजियर फॉर्म डेटा वीएमटी डब्ल्यूएमटी टीमों के संबंधित पुलिस कर्मियों द्वारा संबंधित एसएचआईओ को सौंपे जाएं। इसके बाद “हॉक सॉफ्टवेयर और संबंधित पीएचसीएस व सीएचसी क्लस्टर मिशन होने के नाते अपलोड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गांव तथा वार्डों में नशाखोरी के खिलाफ सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए। शिक्षा विभाग के टीम सदस्य राज्य कार्य योजना के आदेश अनुसार शिक्षण संस्थानों में धाकड़ कार्यक्रम को लागू करना सुनिश्चित करें। श्री आभीर ने कहा कि प्रयास’ ऐप पर मनोचिकित्सा नर्सिंग होम्स एंड हॉस्पिटल्स व नशामुक्ति केन्द्रों का पंजीयन भी सुनिश्चित किया जाए ‘ताकि नशीली दवाओं पर निर्भर रोगियों को राज्य कार्य योजना और सरकार की किसी भी अन्य पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधा प्रदान की जा सके।
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि दवा की दुकानों पर कहीं भी बिना पर्ची के दवा ना बेची जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस भी इसी तरह नशाखोरी के खिलाफ अपना अभियान जारी रखें।
इस बैठक में मौजूद
इस बैठक में पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण, नगराधीश डॉ. मंगलसेन, ड्रग कंट्रोल ऑफीसर अमनदीप चौहान, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित शर्मा, इंस्पेक्टर सतवीर सिंह, शिक्षा विभाग से रमेश सोनी तथा डीएडिक्शन सेंटर नारनौल से आरएस रंगा के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
चिन्हित अपराधों के संबंध में अधिकारियों की बैठक
जिला में चिन्हित अपराधों को लेकर उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर ने आज अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
उन्होंने कहा कि न्यायालय में मजबूत तरीके से पैरवी की जाए। कुछ मामलों में न्यायालय में केस मजबूत न होने के कारण अपराधी बच जाने की संभावना रहती है। साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के कारण कुछ मामलों में केस अदालत में टिक नहीं पाते इसलिए कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों में साक्ष्यों के बचाव और उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी की जाए।
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