आज समाज डिजिटल, पानीपत:
- डीसी ने किसानों को दिलाई पराली न जलाने की शपथ
डीसी सुशील सारवान ने पराली प्रबंधन को लेकर खुद कमान संभालते हुए रविवार को गांजबड गांवों के खेतों में धान की कटाई के वक़्त स्वयं निरिक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पराली अवशेष न जलाने को लेकर किसानों के साथ विचार विमर्श भी किया। उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि धान कटाई का कार्य खेतों में शुरू हो चुका है इसलिए कोई भी किसान पराली अवशेष को न जलाकर बल्कि अपने नजदीकी एथनॉल प्लांट स्थित रिफाइनरी में या अपने नजदीकी हायरिंग सेंटर में भेज कर व्यावसायिक रूप से उसका प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि पराली के अवशेषों को जलाने से उठे धुएँ के कारण वातावरण में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ फैलती हैं, जो हम सब के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक सिद्ध होती हैं।
भविष्य में पराली न जलाने की प्रतिज्ञा ली
इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी मौजूदा किसानों को भविष्य में पराली अवशेष न जलाने की प्रतिज्ञा भी दिलाई। इस दौरान उपायुक्त ने स्वयं पराली अवशेष बेलिंग मशीन को ट्रेक्टर से चलाकर किसानों को पराली अवशेष न जलाकर उसे मशीन के माध्यम से इकट्टा कर जागरुकता का संदेश दिया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक वज़ीर सिंह ने बताया कि पराली अवशेषों को इकट्ठा कर व्यवसायिक प्रयोगों के लिए चोपर, वेलर तथा रैक मशीन सहित अन्य कृषि यंत्रों का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन कृषि यंत्रों पर किसानों को विभाग द्वारा 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाती हैं।
किसानों ने कहा ज़िले में ऐसा डीसी पहली बार आया
गांजबड तथा अन्य आसपास के गांवों के किसानों ने डीसी सुशील सारवान के इस तरह खुद खेतों में आकर किसानों से बात करने पर कहा कि कहा कि ज़िले को ऐसा डीसी पहली मिला है जो हर वर्ग की समस्याओं के समाधान के लिये हर समय तत्पर रहते हैं।
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