Haryana News: हरियाणा में होगी खजूर की खेती

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Haryana News: हरियाणा में होगी खजूर की खेती
Haryana News: हरियाणा में होगी खजूर की खेती

सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी विभाग ने बनाई योजना
अरब देशों में लगने वाले खजूर की बरही किस्म के मंगवाए पौधे
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार प्रयासरत है। हरियाणा सरकार के बागवनी विभाग ने सूखा प्रभावित किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक विशेष योजना तैयार की है। इस योजना के तहत हरियाणा के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों से खजूर की कराई जाएगी। सरकार ने इसके लिए अरब देशों में लगने वाले खजूर की बरही किस्म के पौधे मंगवाए गए हैं।

यह पौधे राजस्थान के जोधपुर की टिशू कल्चर लैब में तैयार किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार बागवानी विभाग को यह पौधे उपलब्ध करवा रही है। इसके साथ खजूर की खेती करने पर सरकार प्रति एकड़ डेढ़ लाख रुपए तक सब्सिडी दे रही है।

इन जिलों में लगाए गए पौधे

इसकी खेती की शुरूआत भिवानी, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ जैसे ड्राई लैंड एरिया में हो चुकी है। राजस्थान के साथ लगती बेल्ट में खेतों में ये खजूर के पेड़ नजर आएंगे। बागवानी विशेषज्ञ की मानें तो खजूर के एक पेड़ की उम्र 100 वर्ष तक हो सकती है। यह पौधा 60 साल तक फल दे सकता है। इस पेड़ की विशेषता है कि इसमें किसी प्रकार का रोग नहीं लगता। एक पौधे पर 2 क्विंटल तक फल आ सकते हैं।

किसानों के लिए खजूर की खेती बेहतर विकल्प

खजूर की खेती में कम लागत में ज्यादा मुनाफा लिया जा सकता है। यह पौधा 5 डिग्री से लेकर 55 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है। गर्मी में सिरसा, हिसार, भिवानी और महेंद्रगढ़ जैसे जिलों में तापमान 50 डिग्री के आसपास चला जाता है और पानी की उपलब्धता भी कम रहती है। ऐसे में खजूर किसानों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

एक एकड़ में लगाए जाते है 65 से 67 पौधे

हिसार में बागवानी विभाग के अधिकारी डॉ. अरुण जाखड़ ने बताया कि एक एकड़ में खजूर के 65 से 67 पौधे लगाए जाते हैं। खजूर के पेड़ में मेल और फीमेल पौधे अलग-अलग होते हैं। पेड़ लगाते समय 56 से 58 पौधे फीमेल और 7 से 8 पौधे मेल लगाए जाते हैं।

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