Punjab News (आज समाज), चंडीगढ़। प्रदेश सरकार जहां किसानों के जीवन स्तर का ऊपर उठाने के प्रयास कर रही है। वहीं यह भी ध्यान रख रही है कि प्रदेश के किसानों को फसल बीज, खाद, पेस्टीसाइड आदि अच्छी गुणवत्ता के ही मुहैया करवाए जाएं। इसी के चलते किसानों को मुहैया करवाए जाने वाले इन खाद आदि के समय-समय पर नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा जाता है।
जिसकी रिपोर्ट आने पर ही उन्हें आगे सप्लाई के लिए आॅर्डर किया जाता है। यदि ये नमूने तय मानकों के अनुसार नहीं होते तो उत्पाद बनाने वाली कंपनियों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है। ऐसी ही कार्रवाई गति दिन डीएपी आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर की गई।
इस संबंधी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुंड्डिया ने बताया कि अंतर्गत पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य की सहकारी सभाओं को घटिया मानक की डाईमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद्य आपूर्ति करने वाली दो खाद्य कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हंै। बता दे कि जिन कंपनियों के लाइसेंस रद किए गए हैं, उनमें मेसर्ज मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमटिड और मेसर्ज कृष्णा फोशैम प्राइवेट लिमटिड शामिल हैं।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इन कंपनियों द्वारा मार्कफेड को आपूर्ति किए गए डीएपी स्टाक में से 40 नमूने लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि खाद्य कंट्रोल आॅर्डर 1985 अनुसार इन में से 24 नमूने गैर- मानक पाए गए है और दो नमूनों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने राज्य भर में क्वालिटी कंट्रोल अभियान चलाया है और वित्तीय साल 2024- 25 दौरान 4700 खाद्य नमूनों की जांच का लक्ष्य निश्चित किया गया है।