समय के अभाव के चलते व्यायाम व योग की बजाय फूड सप्लीमेंट के सेवन से युवा बना रहे फिटनेस
अमित वालिया,लोहारू:
भागदौड़ भरी जिंदगी व व्यस्तता के चलते लोग सुबह की सैर के साथ व्यायाम व कसरत को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति की देन जिम व फूड सप्लीमेंट के पीछे पड़ गए है जिसका असर उनकी शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ दिनचर्या पर भी देखने को मिल रहा है। वर्तमान में समय का अभाव लोगों के पास ही नहीं बल्कि युवा वर्ग के पास भी हो गया है तथा वे अपनी शारीरिक फिटनेस के लिए फूड सप्लीमेंट तक लेने से पीछे नहीं हट रहे तथा उनके सहारे ही अपने शरीर को फिट रखने का प्रयास कर रहे है। जिन युवाओं के पास थोड़ा बहुत समय है वे जिम आदि में जाकर अपनी फिटनेस बना रहे है।
कम उम्र में जिम व फूड सप्लीमेंट बिगाड़ सकता है सेहत
परंतु वे जिम व फूड सप्लीमेंट के सेवन से आने वाले शारीरिक बदलावों को लेकर जागरूक नजर नहीं आ रहे है। विशेषज्ञों की माने तो 18 साल से कम उम्र में जिम व फूड सप्लीमेंट सेहत को सुधारने की बजाय बिगाड़ भी सकता है। डा. जितेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि फूड सप्लीमेंट्स के साथ जिम जाकर फिटनेस बनाने से पहले इसके फायदे व नुकसान जानना आवश्यक है। हर व्यक्ति अपने शरीर को फिट व चुस्त दुरूस्त रखना चाहता है तथा ऐसे में वह व्यायाम, सुबह की सैर, कसरत, योगा को भूलकर जिम आदि में जाकर फिटनेस बनाने पर जोर दे रहा है। शरीर को संतुलित व स्वस्थ रखना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। यदि युवा वर्ग अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से व्यायाम करके फिट रखे तो यह न केवल उसके लिए बेहतर है बल्कि वृद्धावस्था में भी उसे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किशोरावस्था में न करें जिम ज्वाइन
उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में तो जिम को किसी भी सूरत में ज्वाइन नहीं करना चाहिए। कम से कम 18 वर्ष तक तो किशोरों को अपनी शारीरिक फिटनेस के लिए सुबह व सांय की सैर, नियमित व्यायाम, खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। श्रम आधारित कार्य किए जाएं तो बेहतर है। यदि किसी कारणवश जिम में जाना पड़ता है तो विशेषज्ञ की देखरेख में हल्की फुल्की इंवेंट ही करे। धीरे धीरे इसे शरीर की क्षमता के अनुरूप बढ़ाया जा सकता है क्योंकि अचानक से यदि ज्यादा व्यायाम कर लिया गया तो यह शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
स्वस्थ शरीर व फिटनेस के लिए प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करे
वहीं फूड सप्लीमेंट के सेवन से शारीरिक फिटनेस बनाने का प्रयास बिल्कुल न करें क्योंकि यह तब तक ही फिटनेस के लिए कारगार है जब तक इसका नियमित सेवन किया जाए। यदि इसका सेवन छोड़ दिया जाए तो न केवल त्वचा लटक जाती है बल्कि शरीर भी बेडौल हो जाता है। स्वस्थ शरीर व फिटनेस के लिए प्राकृतिक पदार्थों का सेवन करे। संभव हो तो डाइट चार्ट बनाकर उसके अनुसार सेवन करे। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए पनीर व दूध का सेवन करने के साथ-साथ भोजन में सोयाबीन, केला व उबली हुई दालों का प्रयोग करे। भोजन में सलाद अवश्य ले। भोजन के तुरंत बाद पानी न पीएं तथा बिस्तर पर जाने से परहेज करे। भोजन के बाद कुछ समय तक टहलना उचित रहता है। ऐसे में फूड सप्लीमेंट की अपेक्षा प्राकृतिक पदार्थ व हरी सब्जियों का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बल्कि शरीर में नियमित रूप से पोषक तत्वों की पूर्ति करते है।