इशिका ठाकुर,करनाल:
प्रकृति पर जितना हक हम इंसानों का है उतना ही हक उन बेजुबान पक्षियों का भी है जिन्हें मनुष्यों के शोंक के चलते बेघर होना पड़ रहा है। बसंत पंचमी के दिनों में पतंगबाजी का शोंक और इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला चाइनीस धागा मनुष्य के साथ-साथ पक्षियों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है।
चाइनीस डोर आजकल पतंग उड़ाने के लिए भी इस्तमाल किया जा रहा है
समय रहते यदि इस को लेकर समाज को जागरूक नहीं किया तो हो सकता है की आसमान पक्षियों से सुना पड़ जाए। बीमारियों के साथ साथ चाइनीस डोर जिसे आजकल पतंग उड़ाने के लिए इस्तमाल किया जा रहा है ये डोर पक्षियों के लिए घातक सिद्ध हो रही है,जिससे पक्षी घायल हो रहे है और समय पर इलाज न मिलने के कारण मर भी रहे है। करनाल में बसंत पंचमी के अवसर पर बड़े पैमाने पर पतंग बाजी शुरू होकर आसमान में मार्च के अंत तक पतंगों की भरमार आम तौर पर देखी जा सकती है।
जिसके कारण पिछले कई वर्षों में कई दुपहिया वाहन चालक चाइनीज डोर के कारण दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं इतना ही नहीं दुपहिया वाहन चालक जब अपना वाहन चला रहे होते तो अचानक उनके गले शादी में डोर रगड़ जाती है जिसके कारण वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और कई बार चाइनीज डोर से घायल हुए दुपहिया वाहन चालकों के मौत के मामले भी सामने आए हैं।चाइना डोर से घायल हुए पक्षियों के इलाज के लिए करनाल में जीओ मंगलम संस्था द्वारा एक अस्पताल भी लंबे समय से चलाया जा रहा है।
जीओ मंगलम संस्था द्वारा चलाए जा रहे पक्षियों के इस अस्पताल में डॉक्टर सुमेर सिंह चौधरी हफ्ते में 2 दिन पक्षियों का इलाज करने के लिए इस अस्पताल में पहुंचते हैं और वह यह कार्य निशुल्क करते हैं। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी से उनके पास 10 से 12 पक्षी ऐसे आ चुके हैं जिनको चीनी डोर की वजह से घायल होना पड़ा है। पक्षियों के इस अस्पताल में अक्सर उनके पास इलाज के लिए तोता ,कबूतर, बाज, चिड़िया हर प्रकार के पक्षी आते हैं पक्षियों के इलाज के बाद उड़ने के लिए खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है।
चाइनीज डोर बेचने व प्रयोग करने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई
बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही चाइनीज डोर की बिक्री पर जिला प्रशासन ने भले ही देर से लेकिन अब रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। करनाल उपायुक्त अनीश यादव ने आपराधिक प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है। आदेश के तहत जिले में पंतग उड़ाने में प्रयोग होने वाली चाईनीज डोरी को बेचने व उसके प्रयोग करने को एक बार फिर प्रतिबंधित किया गया है। उनके अनुसार चाइनीज डोर बेचने व प्रयोग करने वालों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई हो सकती है। साथ में उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों को भी आने वाले समय में बच्चों को जागरूक करने के लिए कहां जाएगा जिसका उद्देश्य चाइनीज डोर से होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में बच्चों को जागरूक करना होगा। पक्षियों का इलाज करने वाली संस्था के बारे में उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि वह उनसे मीटिंग करेंगे और जो भी इस संस्था के लिए सहयोग की आवश्यकता होगी वह जरूर की जाएगी।
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