प्रशासन ने 7 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव के लिए बुलाई मीटिंग
Bhiwani News (आज समाज) भिवानी: जिला परिषद चेयरर्पसन अनीता मलिक की कुर्सी पर खतरा मंडराने लग गया है। पार्षदों की मांग पर प्रशासन ने 7 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाई है। गत दिवस भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाई थी लेकिन बैठक में 4 पार्षदों के न आने के कारण बैठक को रद्द कर दिया गया। जिला परिषद चेयरपर्सन अनीता मलिक का दावा है कि 7 जनवरी को होने वाली मीटिंग भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य खराब रहने या अन्य कारण बताकर कैंसिल कर दी जाएगी।
चेयरपर्सन अनीता मलिक ने दावा किया कि उनके पास पार्षदों का पूर्ण बहुमत है और राजनीतिक तौर पर प्रशासन पर दबाव बनाकर केवल उनको तंग किया जा रहा है। भिवानी जिला परिषद के सीईओ अजय चोपड़ा ने कहा कि मीटिंग में 4 पार्षद पहुंचने के कारण कोरम पूरा नहीं हो पाया और मीटिंग को रद्द करना पड़ा।
अनीता मलिक और किरण चौधरी एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी
बता दें कि भिवानी जिला परिषद की चेयरपर्सन अनीता मलिक और किरण चौधरी के बीच राजनीतिक का आंकड़ा 20-21 का रहा है। चेयरपर्सन अनीता विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में रही है और किरण चौधरी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रह चुकी है। दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। किरण चौधरी के कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अनीता मलिक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस में शामिल होते ही अनीता मलिक के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।