आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
आम आदमी पार्टी आप पंजाब के प्रधान तथा सांसद भगवंत मान ने अकाली दल तथा भाजपा पर दलित व गरीब वर्ग को वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं। इसका उदाहरण 200 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ उठाने वाले पंजाब के 4.37 दलित उपभोक्ता हैं। उन्होंने कहा कि इस मुफ्त योजना के तहत सरकार अब 2016 तक का 137.56 करोड़ रुपए का बकाया दलितों और गरीब लोगों से वसूल रही है। पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में भगवंत मान ने खुलासा किया कि बादलों के नेतृत्व वाली पिछली शिअद-भाजपा सरकार ने दलितों और गरीबों से वोट हासिल करने के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना तो लागू कर दी थी लेकिन इस योजना को जारी रखने के लिए पैसे कहां से आएगा, इसके लिए कोई रोडमैप तैयार नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप 31 मार्च 2016 तक इस योजना के तहत सरकार पर पावरकॉम पी-1 का 137.56 करोड़ रुपए का बकाया खड़ा हो गया है। अब बकाया का भुगतान करने से इंकार करते हुए पावरकॉम (पावर बोर्ड) को प्रदेश के 4.37 लाख दलित परिवारों की जेब से 137.56 करोड़ रुपए वसूलने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की गरीब जनता के साथ हो रही नाइंसाफी को आम आदमी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। मान से इस दलित विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। लोगों को 200 की जगह 400 यूनिट मुफ्त बिजली देने का चुनावी वादा करने पर भगवंत मान ने सुखबीर बादल से भी स्पष्टीकरण मांगा है। आप नेता ने आरोप लगाया कि प्रदेश की सरकारों ने दलित तथा गरीब वर्ग को मुफ्त बिजली देने के नाम पर लूटा है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने वादों पर खरा उतरते हुए मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा और अन्य सुविधाएं देकर जनता का भरोसा जीता है। मान ने चुनाव मेनिफेस्टो को कानूनी दस्तावेज बनाने की मांग करते हुए कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद पंजाब घातक बिजली समझौतों को रद किया जाएगा तथा प्रदेश में लाभार्थियों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने के साथ पिछला बकाया भी माफ किया जाएगा।
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