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सेशन कोर्ट ने एसपी को दिए पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश
पीड़ित छात्र को दी पुलिस सुरक्षा में दसवीं की परीक्षा देने की सुविधा पुलिस दर्ज कर चुकी है आरोपियों पर केस
आज समाज डिजिटल, सिरसा
दबंगों द्वारा दी गई घर को आग लगाने की धमकी के कारण गांव शाहपुरिया से एक दलित परिवार बुधवार को गांव छोड़ने पर मजबूर हो गया। परिवार के 40 लोग सुबह पुलिस सुरक्षा की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुुंचे,लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिली।
इसके बाद पीड़ित परिवार जिला एवं सत्र न्यायालय में पहुंचा और अपनी वकील एडवोकेट संजू बाला व ज्योति बतरा के माध्यम से पुलिस सुरक्षा दिए जाने की गुहार लगाई। याचिका को गंभीरता से लेते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश मलहोत्रा ने पुलिस अधीक्षक सिरसा को निर्देश जारी किए कि पीड़ित परिवार को तुरंत प्रभाव से सुरक्षा दी जाए। इसके अलावा पीड़ित नाबालिग छात्र को पुलिस सुरक्षा में दसवीं कक्षा की परीक्षा में बैठाने के निर्देश जारी किए।
नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
बता दें कि 26 मार्च को चौपटा थाना पुलिस ने दलित नाबालिग छात्र से मारपीट करने व स्कूल से उसका नाम काटने के आरोप में गांव शाहपुरिया राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल बलजीत सिंह सहित करीब 10 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। उपायुक्त के निर्देश पर प्रिंसिपल ने पीड़ित छात्र को दसवीं की परीक्षा देने के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया। इसके बाद आरोपी छात्र के परिवार को धमकी देने लगे कि चाहे जो भी हो जाए, छात्र को परीक्षा नहीं देने देंगे और तुम्हारे घर को आग लगा देंगे।
पिता व पुत्र के साथ की थी मारपीट Sirsa Letest News
पीड़ित नाबालिग छात्र के पिता विजय निवासी गांव शाहपुरिया ने बताया है कि उसका 15 वर्षीय पुत्र गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कक्षा दसवीं में पढ़ता है। उसकी कक्षा में पढऩे वाला एक छात्र उसके साथ जातीय भेदभाव रखता है। पिछले दिनों स्कूल में पेपर था। पेपर में उसके पुत्र के अच्छे नंबर आए। एक मार्च 2022 को उक्त छात्र उनके घर आया और बाइक पर उसके पुत्र को बैठाकर ले गया।
कुछ देर बाद उक्त छात्र फिर घर आया और कहा कि उसके पिता विक्रम ने आपको बुलाया है। विजय सिंह का कहना है कि उक्त छात्र उसे गांव के बाहर खेत में ले गया,यहां उसका पुत्र भी मौजूद था। इसके बाद यहां पहले से मौजूद विक्रम ने अपने साथियों के साथ विजय व उसके नाबालिग पुत्र के साथ मारपीट शुरू कर दी। पिता-पुत्र ने मुश्किल से अपनी जान बचाकर यहां से भागे। अगले दिन विजय का पुत्र स्कूल गया तो प्रिंसिपल ने उसे आने से रोक दिया।
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