Dadri Rally On 17th September : जनआंकाक्षों पर पूरी तरह खरा उतर रहे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला : डा. अजय चौटाला

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गांव में जनसभा को संबोधित करते जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला।
गांव में जनसभा को संबोधित करते जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला।
  • 17 सितंबर की महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा स्तरीय दादरी रैली तथा 25 सितंबर की जननायक चौधरी देवीलाल की जयंती पर सीकर में होने वाली रैली के लिए ग्रामीण दौरे में चौटाला ने दिया निमंत्रण
  • जिला महेंद्रगढ़ के दो दिवसीय ग्रामीण दौरे में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किए एक दर्जन गांवों के सघन दौरे, ग्रामीणों से की मुलाकात

Aaj Samaj (आज समाज), Dadri Rally On 17th September , नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
हमारी पार्टी ने घोषणा पत्र में जो चुनावी वादे किए थे, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उनमें से अधिकांश वादों को पूरा कर दिखाया है तथा वह प्रदेशवासियों की जनआंकाक्षों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं। यह विचार जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला ने दो दिवसीय दौरे में वीरवार को आधा दर्जन गांवों में ग्रामीण जनसभाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

इस ग्रामीण दौरे में उन्होंने गांव गणियार, गढ़ी खारीवाड़ा, सिहोर, खेड़ा, चितलांग एवं बारड़ा में ग्रामीण जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गांव सुजापुर में कलावती पत्नी कन्हैया लाल के निधन पर शोक जताया। इसी प्रकार उन्होंने गांव सिहोर में कारगिल शहीद अशोक कुमार की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह उन्हाणी में कार्यकर्ता नवीन महलावत के दुर्घटना में घायल होने पर उनके घर गए तथा उनका कुशलक्षेम जाना तथा भरपूर मदद का आश्वासन दिया। चितलांग में पूर्व हलका अध्यक्ष संजीव तंवर के निवास जाकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

डा. अजय सिंह चौटाला के निशाने पर उनकी अपनी पुरानी पार्टी रही। हालांकि उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि जब हम उनसे अलग हुए थे तो हमने उन्हें पार्टी का डंडा, झंडा, फंड, 10 विधायक तथा 23 प्रतिशत वोटर सबकुछ उनको दिया, लेकिन उनकी गलत नीतियों की वजह से वह धरातल से रसातल में पहुंच गए और अब नामचारे का केवल एक विधायक बचा है।

वोट भी 23 प्रतिशत से घटकर महज डेढ़ प्रतिशत रह गए हैं। ऐसी दुर्गति तो हमने भी नहीं सोची थी। दूसरी तरह आप लोगों के आशीर्वाद से दुष्यंत चौटाला जैसे नौजवान ने मात्र नौ महीने में ही न केवल संगठन को खड़ा किया, बल्कि तीन-तीन उपचुनाव भी झेले और दस विधायकों के साथ विधानसभा में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार में शामिल होकर कार्यकर्ताओं का 15 सालों से चला आ रहा बनवास खत्म किया था, ताकि कार्यकर्ताओं का एनर्जी बरकरार रहे।

डा. चौटाला ने अपने संबोधन में कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि जब देश में किसान आंदोलन चल रहा था, तब टोल प्लाजाओं पर धरने पर बैठे किसान नेताओं ने दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मांगा। तब हमने कहा था कि यदि किसानों की मांगों का समाधान होता है तो केवल दुष्यंत नहीं, बल्कि जेजेपी के सभी दस विधायक इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि इस्तीफा तो सांसद हरसिमरत कौर एवं हमारे भाई अभय चौटाला ने भी दिया था, लेकिन कुछ समाधान हुआ क्या?

उन्होंने कहा कि काम करवाने के लिए सत्ता में हिस्सेदारी होना जरूरी है तथा उनकी रगों में भी जननायक चौधरी देवीलाल का खून दौड़ता है तथा हमने कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देने की भरपूर कोशिश की है तथा आगे भी जो समय बचा हुआ है, उसमें और सवाया करके भरपाई करेंगे। उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं की बन जाती है कि वह संगठन की मजबूती के लिए कार्य करें।

उन्होंने ग्रामीण दौरे में 17 सितंबर को दादरी में होने वाली लोकसभा स्तरीय रैली तथा 25 सितंबर को सीकर में चौधरी देवीलाल जयंती पर होने वाली रैली में बढ़-चढ़कर भाग लेने का निमंत्रण देते हुए कहा कि हमने ऐसे अवसरों पर लाखों की भीड़ एकत्रित करके हमेशा राजनीतिक ताकत का अहसास करवाया है और जेजेपी ही ऐसी पार्टी है, जिसका भविष्य उज्ज्वल नजर आता है। उन्होंने संगठन में एक बूथ एक यौद्धा, एक सखी तथा अनुभवी मजबूत कार्यकर्ताओं का मौका देने का आह्वान किया।

उन्होंने कनीना में हुई पत्रकारवार्ता में कहा कि यदि चुनावी अड़चन नहीं आई तो महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा से मैं ही चुनाव लडूंगा। अड़चन आने पर दिग्विजय को यहां से चुनाव में उतारा जाएगा तथा सभी दसों लोकसभाओं में हम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

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