साईबर अपराध होने पर तुरन्त डॉयल करें हेल्पलाइन नंबर 1930 Cyber ​​Crime Helpline No 1930

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Cyber ​​Crime Helpline No 1930

साईबर अपराध होने पर तुरन्त डॉयल करें हेल्पलाइन नंबर 1930 Cyber ​​Crime Helpline No 1930

आज समाज डिजिटल, नारनौल:
Cyber ​​Crime Helpline No 1930: पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बतलाया कि पुलिस अधीक्षक महेंद्रगढ़ के निर्देशानुसार आमजन को साईबर अपराध के बारे में समय-समय पर एडवाइजरी के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बतलाया कि आज के इंटरनेट व डिजिटल युग की दुनिया में काम तो तेजी से होने लगे हैं। परन्तु इसके साथ ही हम साईबर धोखाधडी में फंसकर अपना महत्वपूर्ण डाटा व पैसा गंवा देते हैं, इस लिए खुद को जागरुक करें। साईबर अपराधी या तो आपकी मजबूरी का फायदा उठाकर आपको अपनी बातों में लेकर आपके साथ धोखाधडी करेगा या फिर वह आपको लालच देकर आपके साथ धोखाधड़ी करेगा। इसलिए साईबर अपराधियो से बचने के लिए खुद को जागरुक करें औऱ किसी भी फोन काल या एसएमएस पर कोई भी निजी, बैंक खाते और रजिस्टर मोबाइल नंबर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी बिल्कुल न दें।

पुलिस ने प्रमुख बिंदुओं के साथ जारी की गई एडवाइजरी Cyber ​​Crime Helpline No 1930

  1. काल, एसएमएस या अन्य माध्यम से ओटीपी, यूपीआई आईडी, एम-पिन, एटीएम पिन किसी को शेयर न करें।
  2. किसी के भी कहने पर रिमोट एक्सेस एप जैसे क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क, टीम व्यूवर, एयरड्रॉड आदि को लिंक से डाउनलोड या शेयर न करें।
  3. किसी अनजान के संदेश पर किसी लिंक या एप को फारवर्ड भी न करें, बिना गार्ड, ब्लॉक स्क्रीन वाली एटीएम का प्रयोग करने से बचें।
  4. एटीएम कार्ड का पिन, आनलाइन वॉलेट के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
  5. सोशल साइटों या एप्लीकेशंस के माध्यम से आनलाइन शापिंग करने के दौरान रिक्वेस्ट मनी आप्शन के प्रयोग करने से बचें।
  6. एनईएफटी-आरटीजीएस का बेहद जरूरत पडऩे पर ही प्रयोग करें और कोई भी लेनदेन करने के बाद बैंक की शाखा, लेनदेन कर्ता या प्रतिनिधि से मैनुअली कंफर्म जरूर करें।
  7. सोशल साइटों या एप्स पर चेट के माध्यम से किसी खाते का नंबर, कस्टमर आईडी, रजिस्टर मोबाइल नंबर या पासवर्ड शेयर करने से जरूर बचें।
  8. सोशल साइटों पर आपत्तिजनक या विवादित सामग्री डालने, ब्लैकमेलिंग या किसी की छवि को नुकसान पहुंचाने से बचें, अन्यथा कार्रवाई होगी।
  9. साइबर क्राइम का शिकार होने पर निकट के पुलिस थाने से लेकर साइबर सेल की टीम से संपर्क करें। शिकायत करने में देरी न करें।
  10. हर लेनदेन और इंक्वायरी प्रोसेस का मैनुअल रिकार्ड भी रखें, ताकि साइबर क्राइम का शिकार होने पर पुलिस या अन्य जांच टीम की मदद की जा सके।
  11. साइबर जालसाजों से बचने के लिए रोजाना की सोशल लाइफ और आनलाइन लेनदेन के समय जागरूक रहने औऱ दूसरो को भी साईबर अपराधो से बचने हेतु जागरुक करने से 70 से 80 फीसदी साईबर अपराध कम हो जाते हैं। अगर आपके साथ किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी होती है तो तुरन्त नेशनल साईबर कंप्लेंट पोर्टल और साईबर हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं और इसके अलावा आप अपने संबंधित थाना में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।