कटते वृक्ष और उजड़ते वन दे रहे प्रलय को निमंत्रण: डॉ मोना

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कटते वृक्ष और उजड़ते वन दे रहे प्रलय को निमंत्रण: डॉ मोना
कटते वृक्ष और उजड़ते वन दे रहे प्रलय को निमंत्रण: डॉ मोना
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। विश्व पर्यावरण दिवस 2022 के उपलक्ष्य में प्रतिष्ठा फ़ाउंडेशन की टीम चेंज मकेर्स की ओर से ओन्ली वन अर्थ का आयोजन किया। प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ मोना ने सभी बच्चों को पर्यावरण दिवस का महत्व बताते हुए समझाया कि हमारी पृथ्वी पर हमारे चारों ओर की हर वस्तु हमारे पर्यावरण का हिस्सा है। पर्यावरण के मौलिक तत्वों में स्थान, भू आकृतियाँ, जलाशय, जलवायु, जलअपवाह, शैल, मृदा, खनिज संपत्ति आदि सम्मिलित है। जबकि जैविक तत्व में मानव, पशु, पक्षी एवं वनस्पति सम्मिलित हैं। विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है।

 

 

कटते वृक्ष और उजड़ते वन दे रहे प्रलय को निमंत्रण: डॉ मोना
कटते वृक्ष और उजड़ते वन दे रहे प्रलय को निमंत्रण: डॉ मोना

पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया

19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया। साल 2021 में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी “पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण” विषय के साथ की थी।पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण विषय के साथ वर्ष 2021 से 2030 तक संयुक्त राष्ट्र दशक की घोषणा भी की गई थी, जिसका उद्देश्य हमारे पर्यावरण को हुई क्षति की भरपाई करना हैं। चाहे वह जंगल हो, पहाड़ हो, मरुभूमि या सागर हो, प्रत्येक का पुनर्निर्माण करना इस दशक का उद्देश्य है।

डॉ कुंजल ने पर्यावरण संरक्षण के उपाय बताए

डॉ कुंजल ने कहा कि यूज़ एंड थ्रो की प्रक्रिया को छोड़कर रिसायकल की प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए।वर्षा जल-संचयन प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए। जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए। जहाँ भी संभव हो पेड़-पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें। अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखें। प्लास्टिक का उपयोग न करें। वायुमंडल में कार्बन की मात्रा को कम करने के लिए सौर उर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करें। जल का संतुलित प्रयोग करें एवं तीन आर अर्थात रीसायकल, रिड्यूस और रियूज़ के सिद्धांत का पालन करें। अथर्व ने सबका धन्यवाद किया। इस अवसर पर डॉ मोना, डॉ कुंजल, रीनु श्रीवास्तव, अक्षिता, अस्मि, अथर्व, आरना, ऐशनी उपस्थित रहे।