Cutting And Tailoring Business को अपनाकर महिलाएं बना सकती है अपनी आजीविका का मुख्य साधन : डॉ. राजबीर गर्ग

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Cutting And Tailoring Business

Aaj Samaj (आज समाज),Cutting And Tailoring Business, पानीपत : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र ऊझा के प्रांगण में पांच दिवसीय कटिंग एंड टेलरिंग विषय पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पानीपत जिले की 60 अनुसूचित जाति की महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले की अनुसूचित जाति की महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग देकर उन्हे आर्थिक रन्प से आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना था। केन्द्र द्वारा हर वर्ष कटिंग एंड टेलरिंग, नर्सरी उत्पादन, बेकरी उत्पाद, स्प्रे तकनीक, डेयरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन इत्यादि विषय पर अनुसूचित जाति के प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। जिनके महिला सशक्तिकरण में अच्छे परिणाम देखने को मिले है।

 

इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. राजबीर गर्ग ने महिलाओं को सिलाई व कढाई व्यवसाय से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को बताया की सिलाई व कढाई का व्यवसाय एक सदाबहार व्यवसाय है जिसकी समय के साथ डिमांड बढ़ती जा रही है। आज के आधुनिक युग में फैशन व वस्त्रों की डिमांड व पैमाने बदलते जा रहे है और यदि महिलाएं इन मापदंड व पैमाने को उचित प्रशिक्षण के माध्यम से सीख ले व बदलती जरूरतों के हिसाब से वस्त्रो की सिलाई, कढ़ाई व बुनाई करना सिख ले तो वे कटिंग एण्ड टेलरिंग व्यवसाय को अपनी आजीविका का मुख्य साधन बना सकती है। व अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकती है। उन्होने बताया कि इस व्यवसाय को महिलाएं छोटे स्तर से भी शुरू कर सकती है। तथा अपने आप को आर्थिक तौर पर सशक्त बना सकती है।

 

इस अवसर पर प्रशिक्षण संचालक डॉ. सतपाल सिंह व डॉ. मोहित सहल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर डा.सतपाल सिंह जी ने बताया की सिलाई कढाई व्यवसाय का ग्रामीण महिलाओं के विकास में अहम भूमिका है। महिलाएं इस व्यवसाय को अपनाकर अपने दिन-प्रतिदिन के कार्य जैसे साफ सफाई, खाना बनाना, बच्चों की देखभाल, परिवार की देखभाल, पशुपालन इत्यादि को भी साथ-साथ भलीभांति कर सकती है। उन्होंने बताया कि महिलाएं इस व्यवसाय को स्वयं सहायता समूह बनाकर भी कर सकती है और ये स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक व राजनीतिक सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा सकते है। इसी कड़ी में डा.मोहित सहल ने सिलाई कढ़ाई व्यवसाय का आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा दहिया, डॉ. राजेश व डॉ. कुलदीप डुडी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर प्रियंका, ऊषा, आशा, रविना, रीना, ललिता आदि मौजूद थी।

 

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