Aaj Samaj (आज समाज), CSE Report, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पहले की तुलना में ज्यादा दिन तक एसी-कूलर के इस्तेमाल की वजह जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के पैटर्न में आए बदलाव और हीट इंडेक्स में बढ़ोतरी है। विज्ञान व पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते बारिश के पैटर्न में बदलाव से दिल्ली की सापेक्ष आर्द्रता और हीट इंडेक्स में वृद्धि हुई है। साथ ही राजधानी में बिजली की मांग भी बढ़ रही है। इन्हीं वजहों से राजधानीवासियों को दिल्ली में पहले की तुलना में अब ज्यादा दिनों तक एसी-कूलर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
- ज्यादा दिन तक इस्तेमाल करने पड़ रहे एसी-कूलर
- तापमान में वृद्धि से बढ़ सकते हैं जोखिम : सीएसई
आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट
सीएसई शोधकर्ताओं का कहना है कि ये स्थानीय रुझान प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों के वैश्विक निकाय, इंटरगवर्नमेंटल पैनल आन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के निष्कर्षों से मेल खाते हैं। आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के अनुसार शहरी केंद्रों में हीटवेव सहित चरम गर्मी की सीमा बढ़ गई है, जिससे हवा का तापमान आसपास के क्षेत्रों की तुलना में कई डिग्री ज्यादा गर्म रहता है, खासकर रात में। आईपीसीसी ने चेतावनी दी है कि शहरी ताप प्रभाव स्थानीय तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि कर सकता है, जिससे शहरों की अनुकूलन क्षमता कम हो सकती है और जोखिम बढ़ सकते हैं।
रात में भी पर्याप्त रूप से ठंडे नहीं हो रहे शहर
जलवायु परिवर्तन की वजह से शहर इतने गर्म और आर्द्र हो रहे हैं कि ये रात के दौरान भी पर्याप्त रूप से ठंडा नहीं हो पा रहे हैं, जिससे गंभीर तापीय असुविधा बढ़ रही है। नतीजतन बिजली की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉयचौधरी का कहना है कि 2018 में दिल्ली में रियल टाइम इलेक्ट्रसिटी लोड निगरानी शुरू होने के बाद से 2023 में मानसून अवधि में औसत दैनिक अधिकतम बिजली की मांग सबसे ज्यादा रही।
वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पार
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आज भी बहुत खराब श्रेणी 300 के पार बना हुआ है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर)- इंडिया के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता आज 309 दर्ज की गई। नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता 372 एक्यूआई के साथ बहुत खराब श्रेणी में है। वहीं गुरुग्राम में हवा की गुणवत्ता 221 एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी में है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की कटाई के सीजन के शुरू होने के साथ ही हर बार की तरह इस साल भी कई जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं।
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