शादी की सभी रस्में निभाने जींद के गांव छातर पहुंची भी सीआरपीएफ के जवानों की टुकड़ी
Jind News (आज समाज) जींद: कहा जाता है कन्यादान सबसे बड़ा दान होता है। इसी को सच साबित करते हुए सीआरपीएफ के जवानों की एक टुकड़ी ने अनोखी पहल की। जींद के गांव छातर में शहीद सीआरपीएफ के जवान सतीश की बेटी की शादी थी। बेटी को अपने पिता की कमी न महसूस हो इसलिए सीआरपीएफ के जवानों की एक टुकड़ी गांव छातर पहुंची। शादी शनिवार को थी। जब सतीश की बेटी की बारात गांव पहुंची तो लड़की वालों की ओर से सीआरपीएफ के जवानों ने बारात का स्वागत किया। इतना ही नहीं एक सीआरपीएफ अधिकारी ने पिता का फर्ज निभाते हुए कन्यादान भी किया। सीआरपीएफ के अधिकारियों शादी में शहीद की बेटी के लिए पिता व बहन के लिए निभाई जाने वाली सभी रस्मों को अपने हाथों से निभाया।
इसमें फेरे लेने से पहले वह फेरे लेते समय देने वाली रस्में, शादी के दौरान बहन व बेटी को स्टेज पर शादी के मंडप में बैठाने तक का हर कार्य किया। शादी में पहुंचने वालों में ग्रुप सेंटर सोनीपत से डीआईजी कोमल सिंह, डिप्टी कमांडेंट वेदपाल व अस्सिटेंट कमाडेंट कृष्ण कुमार व जवान शामिल थे। डीआईजी कोमल सिंह ने कहा कि ग्रुप सेंटर सोनीपत सीआरपीएफ की बेटी के लिए बाप की हर भूमिका को निभाने के लिए तैयार मिलेगा। वह इस खुशी के अवसर पर बेटियों की आंखों में आंसू नहीं आने देंगे।
2015 में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए थे सतीश
गौरतलब है कि जींद के गांव छातर का रहने वाला सतीश सीआरपीएफ में सिपाही के तौर पर भर्ती हुआ था। 2015 में वह जम्मू-कश्मीर में तैनात था। 20 मार्च 2015 को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सतीश शहीद हो गया था।
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