आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां के एयपोर्ट पर देश छोड़ने वाले लोगों का तांता लगा हुआ था। हालात ये हो गए थे कि एयरपोर्ट कम, बस स्टैंड ज्यादा लगा रहा था। कैसे भी करके लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते थे। लेकिन 31 अगस्त से पहले अमेरिकी सेना के लौटने के बाद से काबुल एयरपोर्ट तालिबान के संपूर्ण कब्जे में आ गया और तभी से काबुल एयरपोर्ट बंद भी पड़ा है। लेकिन अभी भी अफगानिस्तान में करीब 1000 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं। उनके अलावा कई ऐसे अफगानी नागरिक भी हैं, जिनके पास अमेरिकी वीजा है। ये सभी लोग मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर देश से बाहर जाने की जद्दोहद करने में लगे हुए हैं। हालात इस कद्र है कि मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर भी काबुल एयरपोर्ट जैसा नजारा है। लेकिन तालिबान इन्हें वहां से नहीं जाने दे रहा है।
एयरपोर्ट पर 6 विमान खड़े, नहीं मिल रही उड़ने की अनुमति
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी संसद के निचले सदन में सीनियर रिपब्लिकन माइक मैक्कॉल ने बताया कि अमेरिकी और अफगानी नागरिकों को ले जाने के लिए मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर 6 विमान खड़े हैं, लेकिन उन्हें तालिबान उन्हें क्लीयरेंस नहीं दे रहा है। मैक्कॉल ने बताया कि तालिबान ने इन लोगों को बंधक बना रखा है और विमानों को अुनमति देने के बदले में वे अपनी मांगें पूरी करवाना चाहता है।
तालिबान बोला-ये हमारे खिलाफ प्रोपेगैंडा
अमेरिकी सांसद के आरोप नकारते हुए तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा है कि यह सच नहीं है। हमारे मुजाहिदीनों का आम अफगानी नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ प्रोपेगैंडा है और हम इसे नकारते हैं।