इशिका ठाकुर, शाहबाद:
- शाहबाद मारकण्डा नदी में 22 हजार क्यूसिक पानी आने से आसपास के दर्जनों गांव हुए प्रभावित,फसलों को किया तबाह।
किसानों की हजारों एकड़ की फसल नदी के पानी से खराब
कुरुक्षेत्र के शाहबाद से गुजर रही मारकंडा नदी का जलस्तर उफान पर है। पहाड़ों में हुई बारिश के बाद नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिसके कारण मारकण्डा के आसपास के दर्जनों गांव प्रभावित हुए है। गांव कठुआ, गुमटी, तँगौर, तंगौरी, झरौली खुर्द, मुगल माजरा, कलसाना,मलकपुर, मोहनपुर आदि में किसानों की हजारों एकड़ फसल नदी के पानी से खराब हो गई है। सुरेंद्र लखविंदर सिंह तथा मनोज कुमार आदि ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इसी समस्या का सामना करना पड़ता है। हर साल बेमौसमी बरसात और नदी के बढ़ते जलस्तर से फसलों और आमजन को नुकसान उठाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि कठुआ गांव का आसपास के गांव से संपर्क टूट जाता है। क्योंकि सड़क पर लगभग 3 फिट पानी खड़ा हो जाता है। ग्रामीण ने कहा कि उम्र के आधे पड़ाव पर आ चुके है। यह समस्या वैसी की वैसी है। ग्रामीणों ने कहा प्रशासन और सरकार का कोई भी प्रतिनिधि गांव में हाल चाल जानने के लिए नही आया है।
पानी भरने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे
बीते दिन शाहबाद विधायक रामकरण काला आये कोल्ड ड्रिंक पी, फ़ोटो खिंचवाई और चलते बने। हर बार एक ही आश्वस्त गांव वालों को दिया जाता है लेकिन आज तक इतने साल बीत गए समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूलों में बच्चों के इस वक्त परीक्षाएं भी चल रही हैं और जिसके कारण बच्चे स्कूल में नहीं जा पा रहे हैं। जिन अभिभावकों के पास साधन हैं वह अपने बच्चों को स्कूल में लेकर जाते हैं। लेकिन जिनके पास साधन नहीं है वह बच्चे स्कूल में नहीं जा पा रहे हैं जिसके कारण उनकी पढ़ाई का भी बड़ा नुकसान हो रहा है। पानी की यह समस्या पिछले कई सालों से ज्यों की त्यों बनी हुई है लेकिन सरकार की ओर से समस्या के समाधान का कोई भी हल नहीं निकाला गया है।
बीती रात मारकण्डा नदी में 22 हजार क्यूरियस पानी था। जैसे जैसे बरसात कम हो रही है जलस्तर घटता जा रहा है। लेकिन मारकण्डा नदी में उफान आने के बाद आसपास के कई गांवों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
खराब फसल की रिपोर्ट सरकार के पोर्टल पर भेजी
शाहाबद नायब तहसीलदार बलविंद सिंह ने बताया कि फसल खराबे को लेकर जानकारी ली जा रही है। इस संबंध में किसानों की जो भी फसल खराब हुई है उसकी जानकारी उन्हें हरियाणा सरकार के पोर्टल पर डालनी होगी इसके बाद फसल का मुआवजा तय किया जाएगा और जो भी किसानों का उचित मुआवजा होगा वह उन्हें दिया जाएगा। नायब तहसीलदार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में वह अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं।
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