Aaj Samaj (आज समाज),Crops Damaged Due To Flood,पानीपत : खंड समालखा के राकसेड़ा, बुढ़नपुर, हथवाला व बिलासपुर के अलावा खंड सनौली गांव तक दर्जनों गांव के हजारों किसानों की हर वर्ष कई हजार एकड़ फसलें बर्बाद होने से बचाने को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने यमुना के साथ लगते कई गांव का दौरा किया और गांव वासियों को आश्वासन दिया की किसानों को जो पहले फसलों के खराब होने का नुकसान हो जाता था अब बाढ़ आने से उनकी फसलों को किसी भी तरह से बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
- खंड समालखा से लेकर बापौली और सनौली के हजारों किसानों की हर वर्ष यमुना के बहाव में बह कर जाने वाली फसलें अब नहीं होंगी बर्बाद
- बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की जनवरी में होने वाली बैठक कब होगी अक्टूबर माह में : विधु रावल
- यमुना के साथ लगते हर गांव में बनाई जाएगी 3-3 लोगों की यमुना एक्शन समिति
हर वर्ष आ रही परेशानियों से अवगत कराया
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधु रावल की अगुवाई में सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेश सैनी, एसडीओ सरबजीत, जूनियर इंजीनियर प्रदीप के अलावा बेलदार और अन्य सिंचाई विभाग के स्टाफ के साथ गांव के प्रबुद्धजनों ने हथवाला, बिलासपुर व अन्य गांव के साथ यमुना का दौरा किया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों और प्रदेश प्रवक्ता विधु रावल को उनके सामने हर वर्ष आ रही परेशानियों से अवगत कराया। हथवाला गांव में सभी अधिकारी और विधु रावल यमुना पर पहुंचे, यहां गांव वासियों ने उन्हें बताया गांव में यमुना में पानी का तेज बहाव आने से किसानों की ज्यादा फसलें खराब हो जाती थी इसके अलावा राकसेड़ा, बिलासपुर, बुढ़नपुर व समालखा और बापौली खंड के अलावा सनौली खंड के गांव के काफी किसानों की बाढ़ आने से फसलें खराब हो जाती थी।
प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान
गांव वासियों ने बताया कि पानी के बहाव में उनकी पकी पकाई फसलें यमुना में बह जाती थी और उनको प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान होता है। गांव वासियों ने बताया कि यहां पर करीब 6 ठोकरें बनाने के लिए काम किया गया था लेकिन 6 ठोकरें नहीं बनाई गई, जिससे यमुना में पानी के बहाव के कारण काफी कटाव हो गया और यमुना के साथ लगते किसानों की काफी जमीन भी फिलहाल भी खराब हो गई है। हथवाला गांव वासी रामदिया त्यागी और अनिल त्यागी ने अधिकारियों और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधु रावल को बताया कि अगर समय पर ठोकरें लग जाती हैं और पुरानी ठोकरें रिपेयर हो जाती हैं तो निश्चित रूप से किसानों की फसलें यमुना के पानी के तेज बहाव में बच सकती है।
सभी गांव में तीन सदस्यों की यमुना एक्शन समिति बनाई जाएगी
गौरतलब है कि चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के समक्ष गत 20 जुलाई को भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधु रावल ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस समस्या पर विशेष संज्ञान लेते हुए नहर विभाग के अधिकारी आर के चौहान को इस मामले में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के लिए कहा था। रावल ने बताया कि उसी मामले को लेकर रविवार को अधिकारी मौका पर आए हैं और उन्हें अवगत कराया गया है कि कहां यानी किस गांव में कितनी ठोकरें बनाई जानी है, कितनी ठोकरें रिपेयर की जाएंगी और कितनी ठोकरें जो एक्स्ट्रा लगाई जानी है। उन्होंने बताया कि जितने भी गांव यमुना के साथ लगते हैं उन सभी गांव में तीन सदस्यों की यमुना एक्शन समिति बनाई जाएगी जो सिंचाई विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर यमुना से संबंधित सारी जानकारियां उपलब्ध कराएंगे और उन्हीं के अनुसार यहां गांव बाढ़ का पानी में न घुसे उसको लेकर कार्रवाई भी की जाएगी।
मौके का निरीक्षण करने पर गांव वासियों में खुशी भरा माहौल
विधु रावल ने बताया कि हर वर्ष बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक चंडीगढ़ में होती है और वह जनवरी माह में होती है लेकिन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अबकी बार इस बैठक को अक्टूबर में ही रखने के लिए आदेश किए हैं, क्योंकि अगर समय रहते काम किया जाए तो लोगों को बाढ़ के पानी से हो रहे नुकसान को बचाया जा सकता है। कुल मिलाकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा यहां मौके का निरीक्षण करने पर गांव वासियों में खुशी भरा माहौल देखने को मिला और उन्होंने कहा कि शायद अब उनकी फसलें बर्बाद होने से बच सकेंगी।