आज समाज डिजिटल, पानीपत:
Crop Residue Management: डीसी सुशील सारवान ने कहा है कि बहुत से लोग अब फसलों के अवशेष से लाखों रुपए कमा रहे हैं। अब फसल अवशेष परेशानी नहीं है। तकनीक के माध्यम से फसलों के अवशेषों का कई प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। डीसी ने कहा कि लगभग सभी किसानों के लिए फसल अवशेष का प्रबंधन काफी बड़ी परेशानी होती थी। कोई फसलों के अवशेष को खेतों में जला देता था। इससे ना केवल उस जमीन को नुकसान होता था बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होता था। Crop Residue Management
योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया
सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई योजनाएं चलाई और योजनाओं को लेकर किसानों को जागरूक किया। सरकार के इस कदम से फसल अवशेष प्रबंधन को बल मिला और आज कई लोग केवल फसल के अवशेषों से ही लाखों रुपए कमा रहे हैं। फसल अवशेष का प्रयोग अब बिजली और प्लाई बोर्ड बनाने आदि कामों में भी होने लगा है। उन्होंने कहा कि जिला के किसानों को भी फसल अवशेष प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाते हुए काम करना होगा। इससे उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी और वातावरण सहित जमीन को नुकसान होने से भी बचाया जा सकेगा। सरकार की ओर से भी फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कई योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। Crop Residue Management
अवशेष जलाने पर छह महीने की सजा या 15 हजार रूपये का होगा जुर्माना
विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों को अनुदान राशि पर उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काम करने वाले लोगों की सरकार की ओर से मदद भी की जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन करने से भूमि की उर्वरा शक्ति, पशु पक्षियों के बचाव एवं मानवीय दुर्घटनाएं होने से बचा सकते हैं। डीसी ने बताया कि मानव स्वास्थ्य से जुड़े इस मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी व हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंभीर है और ऐसे मामलों में भारी जुर्माना व सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई किसान या व्यक्ति खेतों अवशेष जालाता है तो आईपीसी की धारा 188 के तहत 6 महीने की जेल व 15 हजार रुपए जुर्माना या दोनों को प्रावधान है। Crop Residue Management
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