Crop Insurance : फसल बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई

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Aaj Samaj (आज समाज),Crop Insurance,पानीपत : किसानों को प्राकृतिक जोखिम से सुरक्षा देने के लिए सुरक्षा कवच के रूप में लागू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पी.एम.एफ.वी.वाई) का राज्य सरकार द्वारा खरीफ  2023 व रबी 2023-24 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। फसल बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई है। उप कृषि निदेशक, डा0 वजीर सिंह ने बताया कि यह स्कीम ऋणी व गैर ऋणी दोनों श्रेणियों के लिए वैकल्पिक है। ऐसे किसान जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों से फसली ऋण ले रखा है उनका फसल बीमा सम्बन्धित बैंक द्वारा कर दिया जायेगा। डॉ. वजीर सिंह ने आगे बताया कि जो किसान इस स्कीम में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें 31 जुलाई से पहले सम्बन्धित बैंक को लिखित में देना होगा कि वे स्कीम में शामिल नहीं होना चाहते है और बैक ऐसे किसानों को बीमा नहीं करेगा, वरना बैक की मार्गदर्शिका के अनुसार किसानों का बीमा करने को बाध्य होगा।

फसल बुवाई का प्रमाण पत्र साथ में लगाना अनिवार्य

उन्होंने बताया कि गैर ऋणी किसान अपना बीमा कॉमन सर्विस सेंटर या बैंक से करवा सकते है। गैर ऋणी किसानों को बीमा करवाते समय जमीन की फर्द की कॉपी जिसमें किसान का हिस्सा स्पष्ट रूप से अंकित होगा, बैंक की पासबुक, आधार कार्ड की प्रति, टेनेंट किसान की स्थिति में जमीन मालिक के साथ किया गया इकरारनामा और फसल बुवाई का प्रमाण पत्र साथ में लगाना अनिवार्य है। गैर ऋणी किसान उपरोक्त सभी दस्तावेजों की साफ-2 कापी लेकर अटल सेवा केन्द्र पर जाए ताकि बीमा कम्पनी उपयुक्त दस्तावेजों के अभाव में बीमा को निरस्त न कर सकें। इसके अलावा जिन किसानों ने केसीसी ऋण के दौरान बताई गई फसल से अन्य कोई फसल खेत में लगाई है तो इसकी सूचना किसान को संबंधित बैंक में प्रिमियम काटे जाने की अन्तिम तिथि से दो दिन पूर्व लिखित में देना होगा। ताकि बैंक द्वारा किसान की सही फसल का बीमा किया जा सके और प्राकृतिक आपदा से नुकसान की स्थिति में बीमा क्लेम लेने में कोई समस्या न आए।

आपदा की स्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर सर्वे नहीं होगा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बताते हुए सहायक सांख्यिकी अधिकारी हरबंस सिंह मार ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत तीन तरह के जोखिम को शामिल किया गया है। स्थानीय आपदा जैसे ओलावृष्टि, जलभराव और बादल फटने की स्थिति में हुए फसल नुकसान के लिए किसान भाइयों को स्थानीय आपदा घटित होने के 72 घंटे के अन्दर-2 उप कृषि निदेशक, कार्यालय पानीपत को लिखित में सूचित करना होगा। सर्वे कमेटी में बीमा कंपनी, कृषि विभाग के साथ-2 किसान भी एक सदस्य है। यदि किसी किसान को संचालित किए गए स्थानीय आपदा सर्वे पर कोई एतराज है तो उसे छह दिन के अन्दर-2 एक लिखित एतराज उप कृषि निदेशक के कार्यालय में देना होगा। इसके बाद गठित की गई कमेटी द्वारा उस खेत का पुनरू सर्वे किया जायेगा और कमेटी का यह निर्णय अंतिम होगा। जल पोषित फसल जैसे गन्ना और धान के लिए स्थानीय आपदा की स्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर सर्वे नहीं होगा और न ही धान के लिए स्थानीय आपदा सर्वे के आवेदन स्वीकार होगें।

आवेदन आपदा घटित होने के 72 घंटे के अन्दर-2 देना होगा

सहायक सांख्यिकी अधिकारी ने बताया कि फसल कटाई उपरांत भी यदि फसल को छोटे-2 बण्डल में बाधकर सुखने के लिए रखा है तथा ओलावृष्टि, चक्रवर्ती वर्षा व बे मौसमी बारिश से होने वाले नुकसान का मुआवजा लेने की स्थिति में भी किसान को व्यक्गित रूप से आवेदन उप कृषि निदेशक कार्यालय में आपदा घटित होने के 72 घंटे के अन्दर-2 देना होगा। तीसरे तरह के नुकसान का आकलन प्रत्येक राजस्व गांव में सभी नोटिफाई फसलों पर चार-चार फसल कटाई प्रयोग संचालित करने उपरांत औसत पैदावार को थ्रेसहोल्ड उपज के साथ तुलनात्मक अध्ययन से निर्धारित होगा।