Ambala News: शंभू बॉर्डर बंद होने से सर्राफा, मनियारी व इलेक्ट्रिकल बाजार पर संकट

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शंभू बॉर्डर बंद होने से सर्राफा, मनियारी व इलेक्ट्रिकल बाजार पर संकट
शंभू बॉर्डर बंद होने से सर्राफा, मनियारी व इलेक्ट्रिकल बाजार पर संकट

Ambala News (आज समाज) अंबाला: शंभू बॉर्डर बंद होने से अम्बाला से पंजाब के बीच आवाजाही करने वालों के साथ-साथ अम्बाला के कामधंधों पर मार पड़ रही है। कपड़ा, रोडवेज, सब्जी मंडी व ट्रांसपोर्ट के अलावा अम्बाला के सर्राफा, मनियारी व इलेक्ट्रिकल आइटम के बाजार पर भी संकट बना हुआ है। पंजाब से आने वाले ग्राहक के लिए अम्बाला आना किसी चुनौती से कम नहीं है, वहीं खराब व लंबा रास्ता और अधिक समय खर्च करके अम्बाला आने के बजाय ग्राहक दूसरे मार्केट में पलायन कर चुके हैं। बॉर्डर बंद हुए 5 माह बीत चुके हैं और कारोबारियों को दोबारा उनके ग्राहकों के लौटने की उम्मीद कम है। जो लेबर पंजाब से आती थी, वह भी अम्बाला आने से किनारा कर रही है। गहने बनाने वाले कारीगर काम के अभाव में पलायन कर रहे हैं। राजपुरा से छोटे दुकानदार अम्बाला आकर लेबर वर्क पर अपने गहने बनवाते थे वे भी अम्बाला की तरफ नहीं आ रहे हैं। सर्राफा एसोसिएशन सिटी के प्रधान नरेश अग्रवाल ने बताया कि उनकी एसोसिएशन में 67 ट्रेडर्ज हैं और इसके अलावा उनके यहां कारीगर हैं। 5 महीने से बार्डर बंद होने से उनकी सेल 30 से 40 प्रतिशत डाउन हो चुकी है। कारोबारियों के मुताबिक कोर्ट के आदेशों के बाद उन्हें उम्मीद जागी है कि बॉर्डर खुलेंगे लेकिन अभी तक खुलें नहीं। उनकी एसोसिएशन भी इस संबंध में मीटिंग कर अपना पक्ष सरकार के समक्ष रखेगी। स्वर्णकार संघ सिटी के प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र वर्मा ने बताया कि अम्बाला में करीब 10 से 15 हजार छोटे-बड़े ज्वेलर व सुनार हैं। इनमें 5 फीसद ज्वेलर यानी ट्रेडर्ज हैं और शेष 95 प्रतिशत सुनार हैं जो गहने बनाने का काम करते हैं। इनमें बंगाल के कारीगर भी काफी हैं। देवेंद्र वर्मा ने बताया कि बॉर्डर बंद होने से उनका कारोबार 30 प्रतिशत तक सिकुड़ गया है। सीजन के वक्त बॉर्डर बंद होने से मनियारी की दुकानों का धंधा चौपट होलसेल जनरल मर्चेंट एसोसिएशन शुक्लकुंड एसोसिएशन सिटी के प्रधान लक्की जुनेजा ने बताया कि बाजार में करीब 500 के करीब जनरल मर्चेंट मनियारी की दुकानें हैं। इन दुकानों पर 75 प्रतिशत तक काम कम हो गया है। फरवरी, मार्च और अप्रैल में शादियों का सीजन होता है। इसी दौरान शंभू बॉर्डर बंद हो गया था। जिससे पंजाब का ग्राहक अम्बाला को अब प्राथमिकता नहीं दे रहा है। आगे अब राखी का सीजन है लेकिन बाजार में ग्राहक नहीं है जिससे दुकानदारों के लिए अपने खर्च निकालना किसी चुनौती से कम नहीं है।