Cricket News : Morne Morkel की ‘स्पीड-रिटर्न’ तकनीक का कितना फायदा उठाते हैं भारतीय गेंदबाज़ ?

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Cricket News : मोर्ने मोर्कल की 'स्पीड-रिटर्न' तकनीक का कितना फायदा उठाते हैं भारतीय गेंदबाज़ ?
Cricket News : मोर्ने मोर्कल की 'स्पीड-रिटर्न' तकनीक का कितना फायदा उठाते हैं भारतीय गेंदबाज़ ?

Cricket News | Morne Morkel| रोशन पांडे | नई दिल्ली | टीम इंडिया के नए बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने तेज गेंदबाजों के लिए एक नई और प्रभावी तकनीक विकसित की है जिसे उन्होंने ‘स्पीड-रिटर्न’ नाम दिया है। इस विशेष तकनीक का उद्देश्य गेंदबाजों की गेंदों की गति और प्रभावी क्षमता को बढ़ाना है। स्पीड-लॉस ड्रिल्स के तहत मोर्केल ने गेंदबाजों को अपनी सामान्य गेंदबाजी की गति से 10-15% अधिक गति से गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित किया।

इन ड्रिल्स से गेंदबाज अपनी गति और स्टेमिना दोनों में सुधार कर सकते हैं, जिससे उनकी गेंदबाजी और भी प्रभावी बन जाती है। स्पीड रिटर्न तकनीक एक बॉलिंग तकनीक है जिसका इस्तेमाल क्रिकेट में तेज गेंदबाज अपनी गेंदों की गति बढ़ाने के लिए करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह तकनीक बॉलर की गेंद को ज्यादा तेज और प्रभावशाली बनाने के लिए उसके कूल्हे और कंधे के मूवमेंट्स को सही तरीके से इस्तेमाल करने पर आधारित है।

इसी तकनीक का इस्तेमाल उन्होंने पाकिस्तान टीम में भी किया। वनडे वर्ल्ड कप से पहले वह पाकिस्तान के बॉलिंग कोच थे। तब नसीम शाह ने कहा था कि मोर्ने मोर्कल उनके लिए कोच ही नहीं, बल्कि बहुत कुछ हैं। मोर्कल की तकनीक के अनुसार जब गेंदबाज़ गेंद को रिलीज़ करता है तो वह अपने कूल्हे और कंधे को सही दिशा में घुमाता है ताकि गेंद की गति अधिक हो और बॉलर की स्पीड में भी बढ़ोतरी हो सके।

इस तकनीक की मदद से बॉलर गेंद की दिशा और गति को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकता है। सत्र के दौरान, मोर्केल ने फीडबैक और एनालिसिस के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। गेंदबाजों की गति को मापने के लिए सेंसर्स का उपयोग किया गया और उन्हें तुरंत फीडबैक मिला, जिससे वे अपनी तकनीक में तुरंत सुधार कर सके। टेक्निकल सुधार के तहत, मोर्कल ने गेंदबाजी एक्शन की तकनीकी समीक्षा की और शारीरिक फिटनेस और ताकत बढ़ाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी। इससे गेंदबाजों को अपनी गेंदबाजी में बेहतर परिणाम मिले।

हर गेंदबाज के लिए एक पर्सनलाइज्ड प्रोग्राम तैयार किया गया, जिससे उनकी व्यक्तिगत जरूरतों और तकनीकी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें विशेष सहायता मिली। मोर्केल की ‘स्पीड-रिटर्न’ तकनीक क्रिकेट कोचिंग में एक नई दिशा दिखाती है। साथ ही यह भी उम्मीद जगाती है कि आने वाले समय में मोहम्मद सिराज से लेकर अर्शदीप सिंह भी उनकी कोचिंग का लाभ उठाकर अपनी गति में इज़ाफा कर सकेंगे। बाकी जसप्रीत बुमराह अपने फन के फनकार हैं। वह उनसे बॉलिंग के बाकी विभागों में फायदा उठा सकते हैं।

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