सरस और क्राफ्ट मेले में आई शिल्पकला की विदेशों में भी सुनाई दे रही है गूंज

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Crafts in Saras and Craft Fair are being heard in foreign countries too

इशिका ठाकुर, कुरुक्षेत्र:

हाथों की अदभुत शिल्पकला को देखकर विदेशी भी हो जाते है आश्चर्यचकित, बांस और बेंत की लकड़ी से बने साजो-समान का महोत्सव में सजा स्टॉल

शिल्पकला को देखकर देश-विदेश के पर्यटक आश्चर्यचकित

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने वाले शिल्पकारों की हस्त शिल्प कला की देश-प्रदेश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुनाई दे रही है। विश्व पटल पर पहचान बनाने वाले इस महोत्सव में सरस और क्राफ्ट मेले में हाथों की अदभुत शिल्पकला के विदेशों में भी चाहवान मौजूद है। हाथों की बारीक से बारीक और जादुई करने वाली अनोखी शिल्पकला को देखकर देश-विदेश के पर्यटक आश्चर्यचकित हो जाते है।

सामान को बनाने में 15 शिल्पकार कार्य करते

ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 6 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के सरस और क्राफ्ट मेले में शिल्पकारों की शिल्पकला ने रंग भरने का काम किया है। अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में आए हसन अली ने बताया कि वे असम से आए है तथा वे अपने साथ बांस और बैंत से बने चाय कप, फ्लावर पोर्ट, टेबल, ट्रे, हैंगिंग लैंप, लैंप आदि सामान साथ लेकर आए है। यह सारा सामान बांस व बैंत से बनाया जाता है तथा इस सामान को बनाने में 2 से 4 दिन का समय लगता है तथा इस सामान को बनाने में 15 शिल्पकार कार्य करते है। उन्होंने बताया कि इस सामान को बनाने के लिए अच्छे बांस का प्रयोग किया जाता है तथा इन बांसों को हाथों की कारीगरी से सुंदर से सुंदर आकृतियों में ढाला जाता है। इसके बाद इसकी फिनिशिंग का कार्य किया जाता है। उन्होंने यह सामान स्टाल नंबर 788 पर लगाया है तथा यह सामान पर्यटकों को बहुत ज्यादा पसंद आ रहा है और पर्यटक इस सामान की जमकर खरीदारी कर रहे है। इस सामान की कीमत 30 रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक रखी हुई है।

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