नई दिल्ली।दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी। सीबीआई ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने उन्हें 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। चिदंबरम (74) ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए तिहाड़ जेल में घर का बना खाना मुहैया कराने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी पर त्वरित सुनवाई की मांग की। बता दें कि चिदंबरम को 21 अगस्त को उनके जोर बाग स्थित आवास से सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 3 अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। अब वह जल्द जमानत चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सीबीआई ने यह कहते हुए चिदंबरम की जमानत का विरोध किया था कि यह एक गंभीर अपराध है और चिदंबरम को इस बात का अहसास है कि उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है। ऐसे में चिदंबरम भागने की कोशिश कर सकते हैं।
पी. चिदंबरम की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मामले को सूचीबद्ध करने के संबंध में फैसला लेने के लिए पी चिदंबरम की याचिका प्रधान न्यायाधीश के पास भेजी जाएगी। दरअसल, चिदंबरम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ के सामने तत्काल सूचीबद्ध किए जाने के लिए मामले का उल्लेख किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्णा मुरारी भी इस पीठ में शामिल हैं।
पीठ ने कहा कि मामला सूचीबद्ध करने के संबंध में फैसला लेने के लिए चिदंबरम की याचिका प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेजी जाएगी। कांग्रेस नेता इस समय न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। चिदंबरम ने मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।