उत्तर प्रदेश केे बुलंदशहर के गाँव टैन में थर्ड जेंडर के लिए देश का पहला आश्रम बनने जा रहा है, साथ ही सभी वृद्ध किन्नरों को रोजगार भी मोहिया कराया जाएगा जिससे ठीक से जीवनयापन हो सके। यह बीड़ा उठाने वाली समाज सेविका रंजना ने बताया कि यह सब करने के लिए उन्होंने अपना जेवर तक बेच दिया है। दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले किन्नरों का दिल किस कदर टीस से भरा होता है, उसे कोई देख नहीं पाता है, न रहने का ठिकाना और न जीवनयापन का कोई साधन अब थाना खुर्जा के गांव टैना में उनकी जिंदगी को लेकर शानदार ख्वाब संजोया गया है, यहां थर्ड जेंडर के लिए देश का पहला वृद्ध आश्रम बनने जा रहा है, यहां रहने वाले किन्नरों के रोजगार का भी इंतजाम किया जाएगा यह बीड़ा उठाने वाली समाज सेविका रंजना को इस आश्रम को बनवाने के लिए अपने जेवर तक बेचने पड़ गए।
थर्ड जेंडर का जीवन यापन दया व इमदाद पर आश्रित है रोजगार भी लोगों की खुशियों में छिपा है जो मिल गया उसे किस्मत मान लिया, अधिकांश किन्नर गुरुओं व साथियों के रहमोकरम पर जिंदा हैं नाफरमानी पर सीधे सड़क पर आ जाते हैं ।
समाज सेविका रंजना अग्रवाल बताती हैं कि पांच साल की रिसर्च में किन्नरों की यह भयावह तस्वीर सामने आई छत के अभाव में किन्नर शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं उन्होंने तमाम किन्नरों से सवाल किया कि वे विरोध क्यों नहीं करते इस पर उनका कहना था कि कहां जाएंगे वृद्ध आश्रम, महिला आश्रम व बाल आश्रम तो हैं लेकिन हमारे लिए सरकार ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है, ऐसे में सड़क पर दुर्गति से अच्छा है बस पड़े रहो समाज में दूरी इतनी है कि कोई किराये पर मकान नहीं देता रोजगार तो दूर की बात है रंजना कहती हैं इस पीड़ा ने ही किन्नर आश्रम की नींव रखने के इरादे को मजबूत किया है जमीन खरीदकर आश्रम बनाने की कवायद शुरू हो गई है, रंजना अग्रवाल ने देश के पहले किन्नर आश्रम की नींव टैना गांव में रखी है, भूमिपूजन किया गया है जल्द ही काम पूरा कर यहां वृद्ध व निराश्रित किन्नरों को आश्रय दिया जाएगा, यहां रहने वाले किन्नरों को रोजगारपरक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी सरकार से किन्नरों को सहायता के लिए भी पत्र लिखा है, उम्मीद है यह मुहिम अन्य प्रदेश और जनपदों में भी आकार लेगी।