Counting of devotees coming to Mahakumbh will be done through AI and other technologies: अजय त्रिवेदी: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए योगी सरकार आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के साथ कई और तकनीकों का प्रयोग करेगी।
प्रदेश सरकार ने महाकुंभ में आने वाले 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिनती के लिए कई विधियों का उपयोग करने का फैसला किया है। इनमें सीसीटीवी कैंमरों के साथ एआई भी शामिल है।
ऐसे होगी महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि महाकुम्भ 2025 में दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट होगा। महाकुम्भ 2025 श्रद्धालुओं की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा तो वहीं योगी सरकार मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से दुनिया का सबसे बड़ा हेडकाउंट कर नया इतिहास बनाएगी।
बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही आंकलन किया जा सके, इसके लिए योगी सरकार तकनीक के माध्यम से एक-एक श्रद्धालु का हेडकाउंट करने जा रही है।
एआई कैमरों के साथ अन्य तकनीकों का सहारा
प्रवक्ता के मुताबिक प्रयागराज में जब भी कुम्भ या महाकुम्भ का आयोजन होता है तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। हालांकि, अब तक इनकी संख्या को काउंट करने की कोई सटीक तकनीक नहीं थी। इस बार योगी सरकार एआई कैमरों के साथ ही कई अन्य तकनीकों का सहारा ले रही है, ताकि महाकुम्भ में आने वाले एक-एक श्रद्धालु की गिनती की जा सके और उन्हें ट्रैक भी किया जा सके।
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस बार महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के आगमन का रिकॉर्ड बनेगा। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की काउंटिंग और ट्रैकिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे
श्रद्धालुओं को ट्रैक करने के लिए मेला क्षेत्र के अंदर 200 स्थानों पर लगभग 744 अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जबकि शहर के अंदर 268 स्थानों पर 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यही नहीं, 100 से अधिक पार्किंग स्थलों पर 720 सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इंटीग्रटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) एवं पुलिस लाइन कंट्रोल रूम के अतिरिक्त अरैल एवं झूंसी क्षेत्र में भी व्यूइंग सेंटर्स बनाए गए हैं, जहां से श्रद्धालुओं की मॉनीटरिंग करने का प्रयास किया जा रहा है। मंडलायुक्त ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हेडकाउंट बड़ी चुनौती है, लेकिन इसमें एआई का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होगा।
क्राउड डेंसिटी अलगोरिदम से लोगों के काउंटिंग
एआई का उपयोग करते हुए क्राउड डेंसिटी अलगोरिदम से लोगों के काउंटिंग का भी प्रयास किया जा रहा है। एआई आधारित क्राउड मैनेजमेंट रियल टाइम अलर्ट जनरेट करेगा, जिसके माध्यम से संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की काउंटिंग एवं ट्रैकिंग करना आसान होगा। उनका कहना है कि हेडकाउंट का 95 फीसदी तक सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा।
टेक्नोलॉजी का उपयोग
मेला क्षेत्र में स्थापित आईसीसीसी में हेडकाउंट मॉडलिंग का कार्य देख रहे टेक्निकल स्टाफ के अनुसार हेडकाउंट में एक श्रद्धालु की बार-बार गिनती न हो, इसके लिए टर्नअराउंड साइकिल महत्वपूर्ण होता है। इसको ट्रैक करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। घाट क्षेत्र में एक तीर्थयात्री द्वारा औसतन लिया गया समय टर्नअराउंड साइकिल माना गया है। इसके तहत कोचरन्स फॉर्मूला के आधार पर सैंपल की संख्या निकाली जाती है।
नॉन पीक दिनों में अनुमानित जनसंख्या 20 लाख और पीक दिनों में 10 करोड़ लेते हुए सैंपल काउंट किया जाता है। टर्नअराउंड समय निर्धारित 3 विधियों के माध्यम से प्राप्त सैंपल्स का औसत आंकड़ा होगा। इसमें पहला एट्रिब्यूट आधारित खोज होगा, जिसके तहत पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों के आधार पर ट्रैकिंग की जाएगी।
दूसरा आरएफआईडी रिस्ट बैंड पर आधारित होगा,जिसमें प्रमुख स्नान के साथ-साथ महाकुम्भ में प्रत्येक दिन आने वाले श्रद्धालुओं को रिस्ट बैंड प्रदान किए जाएंगे।
आरएफआईडी रीडर के माध्यम से रिस्ट बैंड को ट्रैक किया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि तीर्थयात्री ने मेला क्षेत्र में कितना समय बिताया, कितनी देर वह अंदर रहा और कितनी देर बाहर रहा। तीसरी विधि मोबाइल एप के द्वारा ट्रैकिंग होगी, जिसमें तीर्थयात्रियों की सहमति पर मोबाइल एप के जीपीएस लोकेशन के जरिए लोकेशन ट्रैकिंग की जा सकेगी।
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