Councilors Submitted Memorandum
आज समाज डिजिटल, अंबाला:
HEADLINES :
- अरुण हत्याकांड: पार्षद रूबी सौदा का गिरफ्तारी वारंट जारी
- अंबाला पुलिस अब भी मेहरबान
- 28 मार्च की हाउस में पहुंची है अगर पार्षद रूबी सौदा और पुलिस नहीं करती गिरफ्तार तो कार्यप्रणाली पर सवाल उठना तय
Councilors Submitted Memorandum : अरुण हत्याकांड में आरोपों का सामना कर रही पार्षद रूबी सौदा की पार्षद की सदस्यता को लेकर चल रही सुनवाई के बीच हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) के पार्षद मंडल आयुक्त रेणु फुलिया के कार्यालय पहुंचे और इस मामले में ज्ञापन सौंपते हुए 28 मार्च को होने वाली हाउस की बैठक में रूबी सौदा की मौजूदगी पर रोक लगाए जाने का मांग रखी। पार्षदों ने मंडल आयुक्त के न मिलने पर वहां पर सुप्रीडेंट को ज्ञापन सौंपा।
सदस्यता रद्द करने के लिए नोटिस
पार्षदों ने कहा कि नियमों के अनुसार पार्षद रूबी सौदा लगातार तीन हाउस की बैठकों में गैरहाजिर रही है, जिसके बाद मंडल आयुक्त की तरफ से उसकी सदस्यता रद्द करने के लिए नोटिस दिया गया था। लेकिन उस नोटिस पर अभी तक आदेश नहीं आए हैं। पार्षदों ने एकजुट होकर कहा कि जब तक मंडल आयुक्त के जब तक आदेश नहीं आते, तब तक रूबी सौदा के बैठक में आना असंवैधानिक है।
दबाव में आकर मामले को ढील
मंडल आयुक्त के आफिस पहुंचे हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) पार्षद राजेश मेहता, फकीरचंद, जसबीर सिंह, राकेश सिंगला, पार्षद पति गुरप्रीत शाना, सरदूल सिंह सहित अन्य ने कहा कि 21 मार्च को उसकी सदस्यता को लेकर सुनवाई थी। पार्षद रूबी सौदा भाजपा नेता के साथ मंडल आयुक्त पर सुनवाई के लिए पहुंची थी। उन्होंने कहा कि उन्हें आशंका है कि सत्तापक्ष के दबाव में आकर मामले को ढील दी जा रही है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि 21 मार्च को सुनवाई थी, लेकिन मंडल आयुक्त ने अभी तक इस मामले में कोई आदेश नहीं सुनाए, जबकि मंडल आयुक्त चाहती तो तुरंत आने आदेश दे सकी थी।
दबाव में आकर रूबी सौदा को लाभ पहुंचाने का काम
पार्षदों ने कहा कि केवल सत्तापक्ष के दबाव में आकर रूबी सौदा को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 28 मार्च को होने वाली बैठक को लेकर वह स्पष्टतौर पर मंडल आयुक्त को लिखित शिकायत देते हुए रुबी सौदा के आने पर पाबंदी लगाए की मांग कर चुके हैं और यदि फिर भी कानून ने अपने काम नहीं किया तो वह विरोध प्रदर्शनकरेंगे। साथ ही पार्षदों ने कहा कि इस मामले में रूबी सौदा की गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट की तरफ से वारंट जारी हो चुका है, लेकिन अभी भी प्रशासन उसे बचाने में लगा है।
अंबाला नगर निगम के चुनाव के ठीक बाद अंबाला शहर के गोवर्धन नगर में हुए मर्डर के मामले में आरोपों का सामना कर रही पार्षद रूबी सौदा की अब परेशानियां बढ़ती दिखाई दे रही है। परिवार की ओर से लगातार किए जा रहे विरोध के बीच कोर्ट ने रूबी सौदा के गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पुलिस को आदेश दिए है कि वह 20 अप्रैल से पहले रूबी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें।
गिरफ्तारी नहीं होने के पीछे किसका दबाव
प्रभावित पक्ष के वकील ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस तीन बार गिरफ्तारी वारंट ले चुकी है, लेकिन न जाने किस के दबाव में आकर रूबी सौदा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) के पार्षदों ने मंडल आयुक्त के कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मांग की कि रूबी सौदा की सदस्यता को लेकर जो सुनवाई चल रही है, जब तक उसका फैसला नहीं आता, तब तक उसे हाउस की बैठक में आने पर रोक लगाई जाए।
13 महीने बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
अंबाला के चर्चित अरुण हत्याकांड में वकील वरुण शर्मा ने बताया कि 22 मार्च को माननीय न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि यह तीसरा गिरफ्तारी वारंट है। वकील ने कहा कि अभी तक 13 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अंबाला पुलिस की ओर से अभी तक पार्षद रूबी सौदा की गिरफ्तार नहीं की गई। वरुण शर्मा ने कहा कि हमें लाईव डिटेक्टर टैस्ट से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन पुलिस को पहले गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करवाने चाहिए थे।
10 में से नौ आरोपी हो चुके गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि इस मामले में 10 आरोपी शामिल है, जिसमें से पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन केवल पार्षद रूबी सौदा के मामले में लाइव डिटेक्टर टैस्ट की बात की जा रही है। वकील वरुण शर्मा कहा कि टैस्ट के नाम पर अंबाला पुलिस रूबी सौदा को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी के सेक्शन 70 में स्पष्टतौर पर लिखा है कि यदि आपने गिरफ्तारी वारंट करवाया गया है तो आरोपी को गिरफ्तार करें या फिर उसका गिरफ्तारी वारंट कैंसिल करवाएं। लेकिन इस मामले में न तो आरोपी को गिरफ्तार किया गया और न ही वारंट को कैंसल कराया गया।
एफआईआर में दर्ज है रूबी की संलिप्तता
अरुण हत्याकांड के वकील वरुण शर्मा ने बताया कि पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में रूबी सौदा का स्पष्टतौर पर रोल दिखा गया है, जिसमें लिखा गया है कि रूबी सौदा के हाथ में डंडा था और वह मौके पर मौजूद थी। वकील ने कहा कि इस झगड़े का मुख्य आधार यह है कि रुबी सौदा किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ रही थी और जो प्रभावित पक्ष है वह किसी अन्य पार्टी को स्पोर्ट कर रहे थे। इसी रंजिश को लेकर यह झगड़ा हुआ है।
वकील ने कहा कि यह पहला मामला है जिसमेंं पुलिस ही गिरफ्तारी वारंट जारी करवा रही है और गिरफ्तार नहीं कर रही। फिर लाइव डिटेक्टर टेस्ट करवाने की बात कर रही है। पुलिस ने उसे बचाने का रास्ता निकाला है। कभी आपने देखा है कि जिस आईओ ने गिरफ्तारी वारंट जारी करवाए हो, वह पुलिस कर्मी उसे कोर्ट में लेकर आता है। वकील ने सवाल उठाया कि क्या यह टेस्ट गिरफ्तारी के बाद नहीं हो सकता था। वकील ने कहा कि आगे भविष्य में हर कोई मुलाजिम ये ही कहेगा कि मेरा भी टेस्ट करवा लो। यह पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
Councilors Submitted Memorandum