शहरों को पशुओं से मुक्त करने के लिए बनाई गई है योजना
आज समाज डिजिटल
मोहाली। शहर में जिन पशु पालकों के पास जगह नहीं है, उन्हें नगर निगम द्वारा लीज पर जगह मुहैया करवाई जाएगी। यह जगह गांवों की शामलात जमीन में सभी सुविधाओं से लैस कर निगम देगा। इसके अलावा डेयरी वाली जगह पर पशुओं के लिए पानी से लेकर अन्य सभी सुविधाएं रहेंगी। निगम की ओर से जगह पशुओं की संख्या के आधार पर निर्धारित की जाएगी। निगम अधिकारियों का कहना है कि जो जमीन पर लीज पर दी जाएगी वे 10-20 साल के लिए नहीं होगी। बल्कि हर साल लीज को रिन्यू करवाना होगा। निगम के अधीन छह गांव आते हैं। जहां पर कई लोग अभी तक पशु रखकर दूध बेचने का कारोबार करते हैं। जबकि नगर निगम की योजना शहर को लावारिस पशुओं से मुक्त बनाने की है।
ऐसे में नगर निगम की योजना के गांवों में जहां शामलात जमीन पड़ी है। उसी जगह पर उक्त पशुओं के लिए जगह दी जाए। वहीं, इसके लिए जगह पशुओं की गिनती के आधार पर दी जाएगी और यह कम समय के लिए होगी। किसी को सदा के लिए पक्की जमीन अलाट नहीं की जाएगी। जहां पर लोग आसानी से पशु रख पाएंगे। उक्त जगह से बाहर पशुओं को लाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए नगर निगम ने गांवों में जाकर पशु पालकों से बैठकें भी की हैं। इस पूरी योजना पर जमीनी स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है। ताकि पांच साल से अटके इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया जा सके। साथ ही लावारिस पशुओं की समस्या को सदा के लिए खत्म किया जा सके। नगर निगम की ओर से शहर को पशु मुक्त बनाने के लिए लगातार पशु पकड़े जा रहे हैं। सरकारी गोशाला में क्षमता से दोगुने पशु रखे गए हैं। जबकि एक नई गोशाला भी शुरू की गई है। यहां पशुओं की क्षमता करीब 600 है, जबकि इसमें 1200 से अधिक पशु रखे गए हैं। वहीं, दूसरी गोशाला में पशु रखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं अब एक निजी कंपनी को पशुओं को पकड़ने का ठेका दिया गया है। कंपनी ने एक हफ्ते में करीब 400 पशुओं को पकड़ा है। मोहाली के निगम कमिशनर कमल गर्ग ने कहा कि इस योजना पर विचार किया जा रहा है।
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