नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बीते साल पूरी दुनिया खौफ में थी। बीते साल दुनिया के कई बड़ेदेशों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा जिससे वहां इस महामारी से लोगों को बचाया जा सके। जिसके कारण देशों की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत में भी साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्चअप्रैल में लॉकडाउन लगाया गया था जिसे बाद में धीरे-धीरे क्रमवार तरीके से खोला गया था। भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर से पांव पसारता दिख रहा है। महाराष्ट्र एक बार फिर से कोविड-19 यानी कोरोना की चपेट में घिरता दिख रहा है। हालांकि अभी थोड़ी राहत की बात यह है कि देश के 86 प्रतिशत नए कोरोना के मामलेपांच राज्यों में है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के 6 हजार 971 मामले चौबीस घंटे में दर्ज किए गए। महाराष्ट्र के बाद केरल का नंबर है जहां 4 हजार 70, तमिलनाडु में 452, कर्नाटक में 413 और पंजाब में 348 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। बीते कुछ दिन से रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे थे। सोमवार को भी कोरोना के नए मरीजों की संख्या चौदह हजार से ज्यादा थी जो चिंता का विषय थी हालांकि सोमवार के मुकाबले आज रिपोर्ट किए गए मरीजों की संख्या में गिरावट देखेने को मिली जो अच्छा संकेत कहा जा सकता है। कल संक्रमण के 14,199 नए मामले सामने आए थे। वहीं, संक्रमणमुक्त मरीजों की संख्या बढ़कर एक करोड़ सात लाख से ज्यादा हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 10,584 नए संक्रमित मिले हैं। इस तरह देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,10,16,434 हो गई है। वहीं, इस दौरान 78 लोगों ने संक्रमण के चलते अपनी जान गंवाई है। इसके बाद कोरोना मृतकों की संख्या बढ़कर 1,56,463 हो गई है।
कोरोना के नए मामलों को देखते हुए सरकारें सर्तक हो गई हैं और दोबारा से सख्त नियम लोगोंपर लागू किए जा रहे हैं जिससे यह महामारी और ज्यादा न फैले। महाराष्ट्र सरकार ने तो अमरावती की स्थिति देखते हुए वहां लॉकाडाउन कर दिया था।
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