करोना का पूरा ताना बाना चीन का बुना हुआ जाल नजर आता है। सेनेटाइजर के हजारों तरह के उपकरण, हजारो सुरक्षा उपकरण बचाव की पूरी स्क्रिप्ट चंद दिनो की तैयारी नहीं लगती। जैसे ही लॉक डाउन खुलने की बात आती है बीजिंग में केस और बचाव की भयंकर तैयारियां कर फिर डरा दिया जाता है।
करोना एक वाइरस है और कोई भी वाइरल हो टेस्ट पॉजिÞटिव हो तो उसे करोना ही मान लिया जाता है और रैपिड टेस्ट केवल पॉजिÞटिव या नेगेटिव ही बताते है आश्चर्य की बात है अधिकांश डॉक्टर भी भ्रमित हैं कोई वाइरल बुखार को करोना पहले खांसी से रनिंग नोज फिर बुखार फिर लंग्स की बात ,अब दस्त हों या पेट दर्द करोना हार्ट हो या कैन्सर डॉक्टर कहते हैं कि ऐसा वाइरस है कि किसको कैसे अटैक करता है यह रीसर्च का विषय है। कुल मिलाकर आज या जो आम रोजमर्रा की समस्याएं थी उन्हें करोना से जोड़ दिया गया और करोना को कोड़ से भी अधिक घृणित बता दिया गया यहां तक की दाह संस्कार से भी वंचित कर दिया गया ऐसा श्रापी बना दिया गया की तुझे कंधा देने वाले भी नहीं मिलेंगे आम बीमारियों के इलाज से लोगों को वंचित हो गए हैं।
रोगी अस्पताल जाते नहीं, जाते हैं तो लिए नहीं जाते देर के कारण लंग्स प्रभावित होते हैं और करोना जाल को पुष्ट करने में मदद करते हैं। संक्रमण पर भी बड़ा भ्रम है एक व्यक्ति को होने पर पूरी क्षेत्र कंटेन्मेंट जोन बना दिया जाता जबकि वास्तविकता यह है पति को करोना पॉजिÞटिव है पत्नी एक ही बिस्तर पर साथ है पुत्र सेवा कर रहा किसी को नहीं है कुछ घरों में एक से अधिक भी प्रभावित हुए हैं आम वाइरल में भी यही होता आया है घर में कुछ प्रभावित होते हैं और कुछ नहीं।
आंकड़ो की दृष्टि से देखा जाये तो भारत में प्रति मिलयन (10 लाख) प्रभावित लोगों की दर विश्व की दर से कहीं कम है सक्रिय केस भी, मृत्यु दर भी संक्रमण प्रति /10 लाख अमेरिका 19769 भारत मात्र 3219 सक्रिय केस अमेरिका 7580 भारत मात्र 668, मृत्यु दर अमेरिका 589 भारत मात्र 55 कुल मिला कर इस जाल से बाहर निकलना चाहिए डर को कम करना चाहिये आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह बहाल होनी चाहिए स्वच्छता की पूरी सावधानी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क एवं दूरी को यथा सम्भव बनाते हुए सामान्य जीवन को लौटना ही सबके हित में है।
उत्तरप्रदेश में दो दिन का अवकाश रखा गया ताकि चेन टूट सके और दो दिन में सफाई और सेने टाईस्टेशन हो सके न चेन टूटी न सेनेटाईस्टेशन आज सातों दिन खोल दिया गया सरकार धीरे धीरे खोल भी रही है सावधानी हेतु डर भी कायम रखे हिये है। मैं डॉक्टर नही हूं लेकिन तथ्यों का बारीकी से विश्लेषण करने पर जो मुझे लगता है ,जिनके साथ बीती है उनकी राय भिन्न हो सकती है लेकिन करोना का जाल न होता तो उसे आम बीमारी ही माना जाता प्रधानमंत्री ने फिर आगाह किया है ह्यजब तक दवायी नहीं तब तक ढिलाई नहीं ह्य सरकार का आगाह करना संवैधानिक चेतावनी देना आवश्यक है वैसे भी अभी कोई देश पूर्ण निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है, नीति दुरुस्त है।
पूरन डावर
(लेखक चिंतक एवं विश्लेषक हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)