नई दिल्ली। साल 2020 मेंकोरोना वायरस नेलाखो करोड़ों को अपना शिकार बनाया था। हजारों लाखों की पूरी दुनिया मेंमौत हुई। हालांकि नए साल 2021 में मामलों में कमी आई तो लगा कि शायद जल्द ही इस महामारी सेछुटकारा मिल जाएगा लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। देश मेंइसकी दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। विशेषतौर पर महाराष्ट्र और पंजाब राज्य कोरोना की चपेट में दिख रहे हैं। आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र और पंजाब में बढ़ रहे कोरोना के मामले चिंता का विषय है। इन दो राज्योंके अलावा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,चंडीगढ़, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी कोरोना तेजी दोबारा अपना पैर पसार रहा है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने इन राज्यों के साथ बुलाई गई बैठक के बाद यह जानकारी दी और कहा कि सबसे ज्यादा कोरोना की संख्या वाले जिलों में दस में से नौ महाराष्ट्र के हैं। इनके नाम- पुणे, नागपुर, मुंबई, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, नांदेड़, जलगांव और अकोला है। वहीं, बेंगलुरु का कर्नाटक भी इसमें शामिल है। नीति अयोग (स्वास्थ्य) सदस्य वीके पॉल ने स्थिति को ‘चिंतित’ बताते हुए कहा कि इसका समाधान निगरानी है, जैसा कि पिछले साल किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इन राज्यों में टीकाकरण को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। राजेश भूषण ने 45 साल से अधिक उम्र के किसी को भी टीकाकरण अभियान के बारे में कहा कि देश में सभी कोरोना से लगभग 88 प्रतिशत मौतें 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के ऊपर हो रही हैं। यह मामला घातक है। 45 वर्ष से अधिक की दर 2.85 प्रतिशत है। इसलिए यह आयु वर्ग असुरक्षित है और वैज्ञानिक इनपुट के आधार पर निर्णय लिया गया है।