न ई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन किया गया जिसकी वजह से कई दि नों तक देश में सबकुछ बंद कर दिया गया था। रेल, बस, विमान आदि सभी सेवाओं को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया था। दुकानो फैक्ट्रियां सभ्ी बंद हो गर्इं थी जिसकी वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक भी सड़कों पर दिख रहे थे। सभी अपने गृहनगर की ओर वापसी करना चाहते थे। हालांकि अब सरकार सबकुछ खोल रही है। लेकिन लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था पर गहरा असर किया। अब मोदी सरकार ने कोरोना संकट के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर पड़े असर के कारण महत्वपूर्ण फैसला लिया कि केंद्र मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में कोई भी नई सरकारी योजना की शुरूआत नहीं करेगा। वित्त मंत्रालय की ओर से सभी मंत्रालयों को नई योजनाओं को इस वित्त वर्ष के आखिर तक शुरू नहीं करने के लिए कहा है। हालांकि, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार, कोई भी सरकारी योजनाओं को इस साल स्वीकृति नहीं दी जाएगी। पहले से ही स्वीकृत नई योजनाओं को 31 मार्च, 2021 या फिर अगले आदेशों तक स्थगित किया जाता है। बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। प्रतिदिन के हिसाब सेहजारों करोड़का झटका सरकार को लगा है। सरकार की ओर से कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए साथ ही गरीबों और छोटेव्यापारी को राहत देने के लिए बीस लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया था। यह राहत पैकेज देश की जीडीपी का लगभग दस फीसदी रहा और इसमें कई वर्गों के लिए राहत का एलान किया गया था।