चंडीगढ़।कोरोना से संक्रमित मरीजों की स्थिति जब गंभीर हो जाती है तो उस समय वेंटिलेटर की भूमिका काफी अहम होती है। चंडीगढ़ की सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंटस ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईओ) के वैज्ञानिकों की टीम विभिन्न तकनीकों के माध्यम से वेंटिलेंटर तैयार करने में लगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द वह अस्पतालों को सस्ते दरों पर उच्च गुणवता वाले वेंटिलेटर उपलब्ध कराएंगे। सीएसआईओ के वैज्ञानिक डॉ. अमोल ने बताया कि उनकी टीम अभी सस्ते दरों पर वेंटिलेंटर तैयार करने पर काम कर रही है। इसकी कीमत 8 हजार रुपये तक होगी। अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक इस मॉडल को प्रोटोटाइप टेस्टिंग के लिए भेज दिया जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद अस्पतालों को सस्ती दरों वाले वेंटिलेटर उपलब्ध करा सकेंगे। जिस तरह से कोरोना महामारी फैल रही है, उस हिसाब से वेंटिलेटर की काफी ज्यादा आवश्यकता है। सीएसआईओ के वैज्ञानिकों ने इंट्यूबेशन बॉक्स और फेस शिल्ड बनाकर पीजीआई और जीएमसीएच-32 के डॉक्टरों के पास टेस्टिंग के लिए भेजी है। डॉ. विनोद ने बताया कि अभी डॉक्टरों के पास पीपीई किट की कमी है। इसके लिए सस्ती दरों में मेडिकल इक्यूपमेंट तैयार करने में लगे हैं। इसमें कोई भी आयातित माल इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। जिससे इनकी कीमत अधिक नहीं पड़ेगी। लैब में बनाई गई फेस शिल्ड की भी कीमत 20 रुपये तक है।
चंडीगढ़ में वेंटिलेटर की स्थिति
पीजीआई में – 250
जीएमएसएच-16 में 06
जीएमसीएच-32 में 75
पंचकूला व मोहाली में कोरोना का कहर बढ़ते ही 6-6 वेंटिलेटर तो खरीद लिए गए, लेकिन वह पूरी तरह से अभी भी चालू नहीं है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कई बार तकनीकी स्टाफ न होने से भी वेंटिलेटर पूरी तरह नहीं चल पाते हैं।