नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। हालांकि अब कहा यह जा रहा है कि आनेवाले लंबे समय तक इससे जूझना पड़ सकता है। इसका खामियाजा बच्चों को भी भुगतना पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार आने वाले छह महीनों में रोजना करीब छ हजार बच्चे अपनी जान गवां सकते हैं। यह इसलिए है कि कोरोना के कारण स्वास्थ्य प्रणाली कमजोर हुई है। नियमित सेवाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। जिसकी वजह से बच्चों की ऐसे कारणों से मौत हो सकती है, जिन्हें रोका जा सकता है। यूनीसेफ के अनुसार पांचवां जन्मदिन मनाने से पहलेही दुनिया में कई बच्चोंकी मृत्यु हो सकती है। यूनिसेफ ने इस वैश्विक महामारी से प्रभावित बच्चों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए 1.6 अरब डॉलर की मदद मांगी है। उसने कहा कि यह स्वास्थ्य संगठन ‘तेजी से बाल अधिकार संकट बनता जा रहा है और तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो पांच साल से कम उम्र के और 6,000 बच्चों की रोजाना मौत हो सकती है।’यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोरे ने मंगलवार को कहा, ‘स्कूल बंद हैं, अभिभावकों के पास काम नहीं है और परिवार चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब हम कोविड-19 के बाद की दुनिया की कल्पना कर रहे हैं, ऐसे में ये फंड संकट से निपटने और इसके प्रभाव से बच्चों की रक्षा करने में हमारी मदद करेंगे।’