लोगों के अनमोल जीवन को लीलने वाली कोरोना नामक घातक महामारी से सम्पूर्ण विश्व बहुत ज्यादा परेशान है, दुनिया के हालात बेहद चिंताजनक हैं। हमारा प्यारा देश भारत भी वर्ष 2020 से ही इस गंभीर बिमारी के संकट से जूझ रहा है, देश में हजारों लोग इस गंभीर बिमारी के चलते असमय काल का ग्रास बन रहे हैं। सभी देशवासियों को इस कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन आने व आम जनमानस को लगने की शुरूआत होने का बेहद इंतजार था, क्योंकि कोरोना के चलते लोगों की जान तो जा ही रही थी साथ ही लॉकडाउन होने के कारण से देश के बहुत सारे लोगों के सामने अचानक से रोजी-रोटी का बेहद गंभीर संकट आकर खड़ा हो गया था।
लेकिन जब से कोरोना की वैक्सीन बाजार में आकर लोगों को लगनी शुरू हुई है, तब से सभी लोगों को फिर से सब कुछ ठीक होने की पुन: एक उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी, लोगों को उम्मीद थी कि अब बहुत जल्द भारत से कोरोना का सफाया हो जायेगा और हालात फिर से पहले की तरह सामान्य हो जायेंगे। लेकिन कुछ लोगों की भयंकर लापरवाही के चलते बड़े पैमाने पर हो रहे वैक्सीनेशन के चलने के बाद भी आजकल एकबार फिर से देश में कोरोना महामारी अपने पूर्ण चरम पर आ गयी है। लोगों की भयंकर लापरवाही व वैक्सीन आने के बाद से बेफिक्री भरे व्यवहार के चलते देश में रोजाना कोरोना मरीज आने के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या अब एक लाख प्रतिदिन को पार कर गयी है। जीवन के लिए बेहद घातक कोरोना महामारी के तेजी से सभी वर्गों के आम जनमानस के बीच प्रसार के चलते अब स्थिति दिन-प्रतिदिन बेहद चिंताजनक होती जा रही है।
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश आदि राज्य रात्रि कर्फ्यू की जद में आने शुरू हो चुके हैं। यदि कोरोना की इसी प्रकार तेज रफ्तार रही तो कुछ राज्यों में तो लोगों को सुरक्षित रखने की खातिर कभी भी पिछले वर्ष की भांति सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाना सरकार की बेहद बड़ी मजबूरी बन सकती है। कोरोना की जबरदस्त मार को झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो बाकायदा प्रेसवार्ता करके राज्य की जनता से स्पष्ट कह दिया है कि अगर जनता ने कोरोना से बचाव की गाइडलाइंस का सही ढंग से जल्द से जल्द पालन नहीं किया तो लॉकडाउन लगाना उनकी सरकार की मजबूरी बन जायेगी। अधिकतर राज्य सरकारों ने मास्क ना लगाने वाले लोगों के खिलाफ जबरदस्त पुलिसिया अभियान छेड़ रखा है, आयेदिन पुलिस के द्वारा मास्क ना लगाने को लेकर के अब तो आम-जनमानस के साथ होने वाली जानलेवा जबरदस्त हाथापाई के वीडियो अलग-अलग राज्यों से जमकर वायरल हो रहे हैं, वीडियो देखकर लगता है पुलिस के हाथ कोई बड़ा खतरनाक अपराधी आ गया है जिसकी सार्वजनिक रूप से सड़क पर लिटा-लिटा कर पुलिसिया अंदाज में विशेष सेवा की जा रही है, लेकिन जब पता चलता है यह सब मास्क ना लगाने के चक्कर में हो रहा था तो घटना को अंजाम देने वाले लोगों की बुद्धिमत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता नजर आता है कि सिस्टम के यह लोग आखिरकार किस तरह अहंकार में आकर इंसानों से जानवरों जैसा शर्मनाक व्यवहार कर रहे हैं।
देश के ताकतवर नीतिनिमार्ताओं को कोरोना पर लगाम लगाने की बेहद चिंता है, वो रोजाना परिस्थितियों के अनुसार कोरोना गाइडलाइंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, हालात पर प्रधानमंत्री खुद लगातार नजर बनाए हुए हैं। अब तो स्थिति पर नियंत्रण के लिए माननीय न्यायालय ने भी हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है, अब तो माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने कार में सवार अकेले व्यक्ति का मास्क ना पहनने पर चालान करने के लिए भी बोल दिया है, माननीय न्यायालय ने गाड़ी को भी एक सार्वजनिक जगह माना है। हालांकि दिल्ली में मास्क ना पहनने का चालान करने वाले कुछ लोगों के लिए माननीय न्यायालय का यह निर्णय ‘आपदा में बेहतरनी अवसर’ साबित होगा, लोगों के मास्क ना पहनने की जिद्द में चालान कटें या ना कटें लेकिन कुछ लोगों की चालान काटने के नाम पर कमाई खूब हो जायेगी। बढ़ते कोरोना की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए राज्य सरकारों ने भी जन्मदिन, विवाह, दाहसंस्कार व अन्य सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बेहद सीमित करके कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सख्त सरकारी प्रयास किये हैं, लेकिन कुछ जिद्दी नासमझ भीड़ है कि वह मानती ही नहीं है, वह बार-बार कोरोना को ठेंगा दिखाने के चक्कर में संक्रमित होकर अपनी व अन्य लोगों की जान से खिलवाड़ करने का काम कर रही हैं।
लेकिन जब से कोरोना की वैक्सीन बाजार में आकर लोगों को लगनी शुरू हुई है, तब से सभी लोगों को फिर से सब कुछ ठीक होने की पुन: एक उम्मीद की किरण नजर आने लगी थी, लोगों को उम्मीद थी कि अब बहुत जल्द भारत से कोरोना का सफाया हो जायेगा और हालात फिर से पहले की तरह सामान्य हो जायेंगे। लेकिन कुछ लोगों की भयंकर लापरवाही के चलते बड़े पैमाने पर हो रहे वैक्सीनेशन के चलने के बाद भी आजकल एकबार फिर से देश में कोरोना महामारी अपने पूर्ण चरम पर आ गयी है। लोगों की भयंकर लापरवाही व वैक्सीन आने के बाद से बेफिक्री भरे व्यवहार के चलते देश में रोजाना कोरोना मरीज आने के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या अब एक लाख प्रतिदिन को पार कर गयी है। जीवन के लिए बेहद घातक कोरोना महामारी के तेजी से सभी वर्गों के आम जनमानस के बीच प्रसार के चलते अब स्थिति दिन-प्रतिदिन बेहद चिंताजनक होती जा रही है।
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश आदि राज्य रात्रि कर्फ्यू की जद में आने शुरू हो चुके हैं। यदि कोरोना की इसी प्रकार तेज रफ्तार रही तो कुछ राज्यों में तो लोगों को सुरक्षित रखने की खातिर कभी भी पिछले वर्ष की भांति सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाना सरकार की बेहद बड़ी मजबूरी बन सकती है। कोरोना की जबरदस्त मार को झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो बाकायदा प्रेसवार्ता करके राज्य की जनता से स्पष्ट कह दिया है कि अगर जनता ने कोरोना से बचाव की गाइडलाइंस का सही ढंग से जल्द से जल्द पालन नहीं किया तो लॉकडाउन लगाना उनकी सरकार की मजबूरी बन जायेगी। अधिकतर राज्य सरकारों ने मास्क ना लगाने वाले लोगों के खिलाफ जबरदस्त पुलिसिया अभियान छेड़ रखा है, आयेदिन पुलिस के द्वारा मास्क ना लगाने को लेकर के अब तो आम-जनमानस के साथ होने वाली जानलेवा जबरदस्त हाथापाई के वीडियो अलग-अलग राज्यों से जमकर वायरल हो रहे हैं, वीडियो देखकर लगता है पुलिस के हाथ कोई बड़ा खतरनाक अपराधी आ गया है जिसकी सार्वजनिक रूप से सड़क पर लिटा-लिटा कर पुलिसिया अंदाज में विशेष सेवा की जा रही है, लेकिन जब पता चलता है यह सब मास्क ना लगाने के चक्कर में हो रहा था तो घटना को अंजाम देने वाले लोगों की बुद्धिमत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता नजर आता है कि सिस्टम के यह लोग आखिरकार किस तरह अहंकार में आकर इंसानों से जानवरों जैसा शर्मनाक व्यवहार कर रहे हैं।
देश के ताकतवर नीतिनिमार्ताओं को कोरोना पर लगाम लगाने की बेहद चिंता है, वो रोजाना परिस्थितियों के अनुसार कोरोना गाइडलाइंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, हालात पर प्रधानमंत्री खुद लगातार नजर बनाए हुए हैं। अब तो स्थिति पर नियंत्रण के लिए माननीय न्यायालय ने भी हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है, अब तो माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने कार में सवार अकेले व्यक्ति का मास्क ना पहनने पर चालान करने के लिए भी बोल दिया है, माननीय न्यायालय ने गाड़ी को भी एक सार्वजनिक जगह माना है। हालांकि दिल्ली में मास्क ना पहनने का चालान करने वाले कुछ लोगों के लिए माननीय न्यायालय का यह निर्णय ‘आपदा में बेहतरनी अवसर’ साबित होगा, लोगों के मास्क ना पहनने की जिद्द में चालान कटें या ना कटें लेकिन कुछ लोगों की चालान काटने के नाम पर कमाई खूब हो जायेगी। बढ़ते कोरोना की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए राज्य सरकारों ने भी जन्मदिन, विवाह, दाहसंस्कार व अन्य सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की संख्या बेहद सीमित करके कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सख्त सरकारी प्रयास किये हैं, लेकिन कुछ जिद्दी नासमझ भीड़ है कि वह मानती ही नहीं है, वह बार-बार कोरोना को ठेंगा दिखाने के चक्कर में संक्रमित होकर अपनी व अन्य लोगों की जान से खिलवाड़ करने का काम कर रही हैं।
दीपक कुमार त्यागी
(लेखक स्तंभकार व रचनाकार हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)