Controversy of Sidhu Moose
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
भारत और विदेशों में रहने वाले भारतीयों में से कोई ऐसा नहीं होगा जिसने Sidhu Moose Wala का नाम नहीं सुना होगा। उन्होंने किसी दूसरे के लिखे हुए गाने नहीं गाए बल्कि अपने खुद के लिखे हुए गाने गाते है। सिद्धू मूस वाला (Sidhu Moose Wala) पंजाब का प्रसिद्ध गायक है। सिद्धू मूस वाला का असली नाम (sidhu moose wala real name) शुभदीप सिंह सिद्धू है। शुभदीप सिंह सिद्धू का जन्म 17 जून, 1993 को पंजाब के मनसा जिले के मूस वाला गांव में हुआ था। आपको बता दें कि मूस वाला की लाखों में फैन फॉलोइंग है और वह अपने गैंगस्टर रैप के लिए बहुत अधिक लोकप्रिय हैं।
कौन है मूस वाला की मम्मी Mother of Sidhu Moose
Who is Sidhu Moose Wala ? सिद्धू मूस वाला की मां गांव की सरपंच थीं। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में संगीत सीखा और बाद में कनाडा चले गए।
सिद्धू मूस वाला की लाइसेंस से हुई शुरुआत
सिद्धू मूस वाला ने करियर की शुरूआत गीत ‘लाइसेंस’ लिखकर की। इस गीत को निंजा ने गाया था। इसके साथ ही उनकी गीतकार और गायक के रूप में अपने करियर की शुरूआत हुई।
Controversy of Sidhu Moose सिद्धू मूस वाला के विवाद
सिद्धू मूस वाला को सबसे विवादास्पद पंजाबी गायकों में से एक के रूप में भी जाना जाता है। जो खुले तौर पर बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देते हैं, उत्तेजक गीतों में गैंगस्टरों का महिमामंडन करते हैं।
माई भागो विवाद Controversy of Sidhu Moose
सितंबर 2019 में रिलीज हुए सिद्धू मूस वाला के गीत ‘जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वर्गी’ ने 18 वीं शताब्दी के सिख योद्धा माई भागो के संदर्भ में विवाद हुआ। उन पर इस सिख योद्धा की छवि खराब करने का आरोप लगा। इसके बाद मूस वाला ने बाद में माफी मांग ली थी।
संजू गीत को लेकर विवाद Controversy of Sidhu Moose
एक और गाना ‘संजू’ ने भी जुलाई 2020 में विवाद खड़ा कर दिया था। यह गाना एके-47 फायरिंग मामले में सिद्धू मूस वाला को जमानत मिलने के बाद रिलीज हुआ था। उन्होंने सोशल मीडिया पर रिलीज हुए गाने में अपनी तुलना अभिनेता संजय दत्त से की थी।
आर्म्स एक्ट के तहत के दर्ज हुआ था Controversy of Sidhu Moose
मई 2020 में बरनाला गांव में फायरिंग रेंज पर फायरिंग करते हुए एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद सिद्धू मूस वाला के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में संगरूर की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
किसान आंदोलन को दिया था समर्थन
सिद्धू मूस वाला तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान बहुत प्रसिद्ध हुए। इन कानूनों को अब निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने किसान संघों द्वारा “चलो दिल्ली” के विरोध के आह्वान को अपना समर्थन दिया।
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